कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लाठीचार्ज के दौरान गिरफ्तार किए गए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी व अन्य सभी किसानों के आज जेल से रिहा होने की उम्मीद है। बुधवार को उनकी जमानत याचिका कोर्ट में दायर की गई थी, लेकिन टेक्निकल रीजन की वजह से जमानत मंजूर नहीं हो सकी। न्यायालय ने मामले को लेकर गुरुवार का समय दिया।
यह था मामला
6 जून को को नेशनल हाईवे जाम करने के आरोप में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी, जसबीर सिंह मामू माजरा, राकेश बैंस, पंकज हबाना, प्रिंस वड़ैच, जरनैल, नसीब, जयपाल और गुलाब सहित करीब 150 किसानों को हिरासत में लिया था। किसान नेताओं के अलावा अन्य सभी किसानों को रिहा कर दिया था। हाईवे जाम करने के आरोप में पुलिस ने 700 से अधिक किसानों पर मामला दर्ज किया था, मगर सरकार के साथ सहमति बनने पर अब मामला रद्द किया जाएगा
न्यायालय ने भेजा था न्यायिक हिरासत में
पुलिस ने नेशनल हाईवे जाम करने पर नेशनल हाईवे एक्ट 8बी, सेक्शन 3 पीपीए 120 बी, धारा 147, 149, 186, 188, 283, 307, 332, 353 के तहत केस दर्ज किया है। इसमें पुलिस कर्मचारियों पर पत्थर बरसाकर उन्हें घायल करने की भी धारा शामिल है। इन धाराओं में न्यायालय ने किसान नेताओं को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था।
न्यायालय में होगी बहस
किसानों के वकील गुरनाम सिंह ने बताया कि चढूनी समेत किसानों की जमानत याचिका लगाई गई है। आज बहस होगी। उम्मीद है कि न्यायालय से किसानों को जमानत मिल जाएगी। सोमवार रात को सरकार ने इन नेताओं को रिहा करने का आश्वासन दिया था।
सूरजमुखी पर MSP और किसानों की रिहाई की मांग को लेकर कुरूक्षेत्र में जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम कर बैठे किसानों की मांगे सरकार ने मंगलवार रात को मान ली थी। सरकार ने कहा कि किसानों की सूरजमुखी को 6400 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने की मांग को देखते हुए अब इसकी खरीद 5 हजार प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाएगी। बकाया 1400 रुपए प्रति क्विंटल सरकार भावांतर योजना के तहत देगी।