( गगन थिंद ) अंबाला में शंभू बॉर्डर पर बीते सात महीने से किसान धरना दे रहे हैं. शनिवार को किसान आंदोलन 2.0 के 200 दिन दिन पूरे हो गए हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में यहां पर किसान एकत्र हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. वहीं, पेरिस ओलंपिक में शामिल रही विनेश फोगाट भी धरने पर पहुंची. इस दौरान विनेश ने धरने पर ज्यादा समय नहीं बिताया लेकिन किसानों को संबोधित किया और फिर खनौरी बॉर्डर के लिए रवाना हो गई. विनेश ने धरने के दौरान कहा कि किसान आंदोलन को 200 दिन पूरे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग आप अपने हक और इंसाफ के लिए आए हैं, वो हक आपको मिले. ऐसे में आप लोगों को अपना हौंसला नहीं तोडना है और आपकी बेटी आपके साथ है. मैं सरकार से भी यही गुज़ारिश करती हूं और हम भी देश के वासी है और अगर हम कोई आवाज़ उठाते हैं तो हर बार वो पोलिटिकल नहीं होता है. आपको हमारी आवाज़ भी सुननी चाहिए. हमारे परिवार की आवाज़ सुननी चाहिए. कम से काम हमे बोलने का हक़ तो मिलना चाहिए.
ये लोग नाजायज मांग नहीं उठा रहे हैं-विनेश
विनेश ने कहा कि ये लोग नाजायज मांग नहीं उठा रहे हैं. हमारी मां ने हमें कैसे पाला है, हमे पता है. हमारे पास तो इतनी जमीन भी नहीं हैं और आज 200 दिन पूरे हो गए हैं. पहले भी तेरह महीने आंदोलन चला था. जो मांगें सरकार से मानी थी, वो अभी तक पूरी नहीं हुई है. किसान के बिना हम कुछ नहीं हैं और हम खिलाड़ी भी नहीं है और अगर किसान ना हो तो भी. हमारे देश के लोग अगर ऐसे सड़कों पर बैठेंगे तो हमारा देश तरक्की नहीं करेगा. विनेश ने कहा कि 200 दिन हो गए, लेकिन, हौंसला अभी भी इनका वैसा ही है. विनेश ने कहा कि हम जब दिल्ली में बैठे थे, तब हम भी सोचते थे, पता नहीं कब मानेंगे और हमारे परिवार को लड़ना आ गया है. इन्हें पता लग गया है कि अगर अपने हक़ के लिए लड़ना है तो सड़कों पर आना पड़ेगा
विनेश फोगाट ने कहा कि आज मैं सिर्फ़ किसानों के मुद्दे पर ही बात करूँगी और इस मंच पर राजनीति पर कोई बात नहीं होगी. विनेश ने कहा कि मैं भी किसान परिवार से हूँ. मुझे पता है कि किसानों की क्या दिक़्क़त होती है. खिलाड़ी होने से पहले मैंने भी खेत में काम किया है और मेरी माँ ने मुझे पता है कि कैसे हमें पाला है. अगर किसान खाना नहीं देंगे तो खिलाड़ियों को भी खाने को क्या मिलेगा. इस दौरान विनेश ने कहा कि कांग्रेस के टिकट देने पर कोई राजनीतिक बयान नहीं दूंगी और मुझे राजनीति की इतनी जानकारी नहीं है. इसके बाद दस मिनट रुकने के बाद विनेश ख़नौरी बॉर्डर के लिए निकल गई.