Haryana IPS Puran Singh Death Case: वाई पूरन सिंह की आत्महत्या पर चिराग पासवान ने नायब सैनी को पत्र लिखकर न्याय की मांग की, दलित उत्पीड़न और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं.
चंडीगढ़. हरियाणा के दलित आईपीएस और एडीजीपी वाई पूरन सिंह का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. इस केस में जहां हरियाणा सरकार के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है. वहीं, मोदी सरकार में सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार चुनाव के बीच एक तीर से दो निशाने साधे हैं.
दरअसल, एडीजीपी पूरन सिंह दलित सुमदाय से आते थे और कांग्रेस पार्टी अब उनकी मौत के जरिये भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को लिखे पत्र में लिखा कि 7 अक्टूबर को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में जान दे दी. इस खबर ने पूरे प्रशासनिक तंत्र और समाज को झकझोर दिया है. यह केवल एक अधिकारी की आत्महत्या नहीं, बल्कि हमारे प्रशासनिक ढांचे में व्याप्त मानसिक और जातिगत उत्पीड़न का भयावह संकेत है जो आज भी समाज में जहर की तरह फैला हुआ है. यह तथ्य और भी पीड़ादायक है, क्योंकि एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने अपना पूरा जीवन कानून, अनुशासन और सेवा में समर्पित किया और उसे अंततः इस अमानवीय व्यवस्था के आगे झुकना पड़ा. यह केवल हरियाणा की नहीं, बल्कि पूरे देश की प्रतिष्ठा और संवैधानिक मर्यादा से जुड़ा मामला है.
