गेट का लेंटर गिरने से 8 मजदूर घायल
कैथल, (10 दिसंबर) बुधवार देर शाम गांव डयोढ़ खेड़ी मार्ग पर बनी फ्लावर सिटी के मुख्य गेट का अचानक लेंटर गिरने से मलबे के नीचे काम कर रहे 8 मजदूर दब गए। हादसे के तुरंत बाद मौके पर मौजूद अन्य मजदूरों ने राहत कार्य शुरू किया और घायलों को बाहर निकाला। सभी को जिला नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां से एक मजदूर को गंभीर हालत में कल्पना चावला हॉस्पिटल रेफर किया गया। बाकी घायलों का उपचार कैथल में चल रहा है। घायल मजदूरों और परिजनों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि गेट के पिल्लरों में कमजोर और घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ था, जिसके कारण लेंटर भार सहन नहीं कर पाया और गिर गया। मजदूरों ने बताया कि शाम को अंधेरा बढ़ रहा था और रोशनी भी कम थी। उन्होंने मौके पर उपस्थित ठेकेदार और प्रोजेक्ट इंचार्जों को काम रोकने के लिए कहा था, लेकिन उनसे कहा गया कि काम जल्दी पूरा करना है और देरी बर्दाश्त नहीं होगी। मजदूरों का कहना है कि इसी जल्दबाजी का नतीजा यह हादसा है जिसने 8 परिवारों को संकट में डाल दिया।

4 मजदूरों को गंभीर चोटें, कई दर्द से कराह रहे
गांव हरसौला निवासी संदीप ने बताया कि हादसे में राकेश, बलविंद्र, सोनू, तुलसी राम, जसबीर, जीवन, विक्रम और वह स्वयं घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि दो मजदूरों के सिर में गहरी और गंभीर चोटें आई हैं, एक मजदूर का हाथ पूरी तरह टूट गया। एक अन्य का पैर चटक गया है। अन्य मजदूरों को भी शरीर के कई हिस्सों में चोटें आई हैं। संदीप के अनुसार लेंटर इतने जोर से गिरा कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। कई मजदूर मलबे के नीचे फंस गए और उन्हें बाहर निकालने में काफी समय लगा। मजदूरों ने यह भी कहा कि काम के दौरान किसी प्रकार का सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं था। न हेलमेट दिए गए, न बेल्ट, न ही किसी प्रकार की सुरक्षा किट। निर्माण स्थल पर रोशनी की भी ठीक व्यवस्था नहीं थी। मजदूरों का कहना है कि सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता तो यह हादसा संभवतः टल सकता था।

मजदूरों की जान से खिलवाड़, दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो: ग्रामीण
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने फ्लावर सिटी प्रबंधन और ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि मजदूरों से लगातार बिना सुरक्षा साधनों के काम करवाया जा रहा था। ग्रामीणों ने मांग की कि हादसे की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि मजदूरों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसी बड़ी परियोजनाओं में गुणवत्ता और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना जरूरी है, वरना इस तरह के हादसे दोबारा भी हो सकते हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मजदूरों के परिवारों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाए।
