हरियाणा के पलवल के 20 से 25 बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए है। कुछ के नाम भी सामने आ गए हैं। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस की सेना राजधानी कीव तक पहुंच चुकी है। जब यह खबर टीवी चैनलों पर फ्लैश हुई तो वहां फंसे बच्चों के परिजनों का दिल दहल गया।
ये युवा यूक्रेन में फंसे
पलवल निवासी भुवनेश छाबड़ा, महिमा चावला, विपिन, सतपाल तंवर, चारूल, श्रुति तेवतिया, लोकेश बघेल, अतुल, सचिन, सौरभ, दीपक, नेहा व युद्धवीर सहित अन्य कई युवा यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इनके परिजन दिन-रात टीवी के आगे बैठे वहां के हालात देखते रहते हैं। खाना भी नहीं खा रहे हैं। वहीं, बच्चे भी परिजनों से बात कर उन्हें हिम्मत दे रहे हैं। बच्चे फोन पर कह रहे हैं मम्मी-पापा चिंता मत करो, हम ठीक है, जल्द वापस घर लौट कर आएंगे।
पति को खो चुकी, अब बेटे की चिंता सताई
पलवल के जवाहर नगर कैंप निवासी सीमा छाबड़ा ने बताया कि उसके पति की मौत हो चुकी है। उसका बड़ा बेटा भुवनेश बुकोविनियन यूनिवसिर्टी से MBBS तीसरे साल की पढ़ाई कर रहा है। शुक्रवार को उनकी बेटे से दो बजे वीडियो कॉल पर बात हुई तो वह कीव से फ्लाइट रद्द होने पर बस से वापस यूनिवसिर्टी जा रहा था। जिसके बाद यूनिवसिर्टी से पोलेंड के रास्ते रविवार तक वापस इंडिया आने की उम्मीद है।
पीएम से लगाई गुहार
न्यू कॉलोनी निवासी मनोज चावला की बेटी महिमा चावला यूक्रेन की बुकोविनियन यूनिवसिर्टी (चरनी विक्सी) में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। वहां चल रहे युद्ध को लेकर महिमा की मां परेशान है। उनका कहना है कि हमे बेटी की बहुत चिंता है। किसी भी तरीके से बेटी मेरे पास आ जाए। रातों की नींद छिन गई है। दिल बैठा जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे भारत के बच्चों को सुरक्षित लाने की अपील की है।
बेटी बोली- सुरक्षित स्थान पर हैं
वहीं, न्यू कॉलोनी निवासी मनोज चावला ने यूक्रेन में बेटी महिमा से शुक्रवार को 3.50 बजे वीडियो काल की, वहां के हालात के बारे में पूछा तो बेटी ने उन्हें अपने सुरक्षित स्थान पर होने की बात कहकर तसल्ली दी। वहां सभी सामान खरीदने जा रहे थे। खाने के सामान व पानी के लिए लंबी लाइन लगी हुई थी। महिमा ने बताया कि फेसबुक और ट्वीटर से अपील की जा रही है। इंडियन ऐंबैसी से भी बात की गई है।
यूक्रेन में फंसे बच्चों के परिजनों की बढ़ी चिंता
दोनों बच्चों ने अपने परिजनों को बताया कि यहां खाने-पीने के सामान की दिक्कतें होने लगी है। जहां रूस की सेना का हमला हुआ है, वह यहां से काफी दूरी है, लेकिन धमाकों की आवाज यहां उन्हें सुनाई दे रही है। आज सुबह छह बजे एक सायरन बजा था। इंडिया भेजने के लिए जो लिस्ट जारी हुई है उसमें दोनों बच्चों के नाम है, जिससे उनकी उम्मीदें बढ़ी है, रविवार तक दोनों बच्चे पलवल पहुंच जाएंगे, यहीं सोचकर परिजन उनकी राहत तक रहे है।