यह द्वीप बेहद ही हरा-भरा व घना है, लेकिन यहां कोई भी नहीं रहता था. नागासाकी ही यहां के एकमात्र निवासी थे. क्या आप टॉम हैंक्स की फिल्म 'कास्ट अवे' के बारे में सोच रहे हैं?
जापान के मासाफुमी नागासाकी ने अपने पूरे जीवन में कुछ ऐसा काम किया है जिसका हम में से अधिकांश केवल सपना ही देख सकते हैं. 87 वर्षीय जापानी व्यक्ति मासाफुमी नागासाकी, जिसे ‘नागा साधु’ के रूप में जाना जाता है. उन्होंने लगभग तीन दशक अकेले एक ट्रॉपिकल आईलैंड पर बिताए हैं. 50 की उम्र के दौरान नागासाकी अपने फोटोग्राफी के काम से तंग आ गए थे.
साल 1989 में पत्नी और बच्चों को छोड़ा
1989 में, उन्होंने अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़ दिया और अकेले सोतोबनारी चले गए, जो जापान की मुख्य भूमि से सैकड़ों किलोमीटर दक्षिण में एक किमी चौड़ा टापू है, जिसमें कोई फ्रेश पानी नहीं है. यह द्वीप बेहद ही हरा-भरा व घना है, लेकिन यहां कोई भी नहीं रहता था. नागासाकी ही यहां के एकमात्र निवासी थे. क्या आप टॉम हैंक्स की फिल्म ‘कास्ट अवे’ के बारे में सोच रहे हैं? द्वीप पर कुछ ही दिन बिताने के बाद नागासाकी घर नहीं लौटे. उन्होंने सोतोबनारी को अपने नए घर में बदल दिया और 29 साल तक वहां अकेले रहे.
साल 2018 में बेहोश पड़े मिले नागासाकी
साल 2018 था, जब एक स्थानीय मछुआरे द्वारा उसे समुद्र तट पर बेहोश पड़े हुए देखने के बाद उसे द्वीप से बाहर ले जाया गया था. नागासाकी को तब ले जाया गया जब डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य के लिए चिंता व्यक्त की और कहा कि उन्हें अस्पताल में इलाज की जरूरत है. यही वह समय था जब उनकी कहानी दुनिया के सामने आई थी. 87 वर्षीय व्यक्ति अब सोतोबनारी में नहीं रहते हैं. लेकिन हाल ही में, उन्हें अपने पूर्व घर को आखिरी बार देखने की इच्छा हुई.
इशिगाकी शहर में चार साल रहने के बाद नागासाकी 16 जून को अपने पूर्व घर वापस चला गया. जिस समूह ने वापसी को संभव बनाया, उसने कहा कि नागासाकी का प्रवास संक्षिप्त और अस्थायी होगा क्योंकि वह अब खुद की देखभाल नहीं कर सकता है. ऑनलाइन साझा किया गया एक वीडियो भावनात्मक क्षणों को कैद करता है जब 87 वर्षीय ने सोतोबनारी के तट को छुआ.