( गगन थिंद ) सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर सुनवाई के दौरान किसानों के लिए दरवाजे खुले होने की बात कही। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि किसान अपनी मांगें या सुझाव सीधे कोर्ट में ला सकते हैं या अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं। इस दौरान, खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत पर भी कोर्ट ने चिंता जताई और पंजाब सरकार से इस मामले में जवाब मांगा।
पंजाब के अटॉर्नी जनरल, गुरमिंदर सिंह ने बताया कि डल्लेवाल के साथ बातचीत की गई है, लेकिन उन्होंने अपने मेडिकल टेस्ट करवाने से मना कर दिया है। इसके बावजूद, यह कहा गया कि डल्लेवाल के सभी जरूरी अंग ठीक तरह से काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डल्लेवाल को सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध रहें। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि डल्लेवाल को कुछ होता है, तो राज्य सरकार पर आरोप लग सकते हैं, जो कि सरकार के लिए नुकसानदायक होगा।
डल्लेवाल और किसानों पर सुप्रीम कोर्ट के 4 निर्देश
डल्लेवाल पर राज्य सरकार ढिलाई ना बरते
जब पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को भर्ती करना ज्यादा उचित रहेगा। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। आपको हालात संभालने होंगे।”
डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “डल्लेवाल पब्लिक पर्सनैलिटी हैं। उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं। वो कहते हैं कि 700 किसानों की जिंदगी उनके जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए वो मेडिकल सहायता के लिए मना कर रहे हैं। सरकार के साथ उनके सैद्धांतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन प्रदर्शन के लिए डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है।”
हम कमेटी का गठन कर रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम एक कमेटी का गठन कर रहे हैं, यह प्रक्रिया है। आप किसानों को भरोसा दे सकते हैं। उनकी जो भी उचित मांगें हैं, उन्हें लेकर हम संबंधित पक्षों से बातचीत करेंगे।”
सीधे हमारे पास आएं किसान
जब पंजाब सरकार ने कहा कि हमने बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन किसानों ने बातचीत से मना कर दिया। इस पर अदालत ने कहा, “सरकार कह रही है कि किसानों को सीधे कोर्ट में अपनी बात रखने की इजाजत दी जाए। हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। वे यहां सीधे आकर सुझाव या मांगें पेश कर सकते हैं या फिर अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं।”
शंभू बॉर्डर खोलने के तुरंत आदेश से सुप्रीम कोर्ट इनकार कर चुका
13 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा सरकार किसानों को हाईवे छोड़कर किसी दूसरी जगह प्रदर्शन शिफ्ट करने या कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए मनाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत पर भी चिंता जताई थी। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह डल्लेवाल को फौरन मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएं। डल्लेवाल से अनशन तुड़वाने के लिए कोई जबरदस्ती न की जाए।