( गगन थिंद ) हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे ओपी चौटाला शनिवार (21 दिसंबर) दोपहर करीब 4 बजे पंचतत्व में विलीन हो गए। सिरसा के गांव तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़े बेटे अजय चौटाला ने छोटे भाई अभय चौटाला के साथ मिलकर उन्हें मुखाग्नि दी। उनके समाधि स्थल को गेंदा, गुलाब और गुलदाउदी के 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया। चिता के लिए लाल चंदन की लकड़ियां मंगाई गईं थी। इससे पहले उनकी पार्थिव देह को समाधि स्थल तक ले जाते वक्त समर्थकों ने फूल बरसाए और ‘ओपी चौटाला- अमर रहे’ के नारे लगाए। इस दौरान ओपी चौटाला की पार्थिव देह को तिरंगे में लपेटा गया था। वहीं इनेलो की पहचान हरी पगड़ी और चुनाव चिन्ह चश्मा भी पहनाया गया था।
हरियाणा सरकार ने उनके निधन पर 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। अंतिम संस्कार से कुछ देर पहले पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और सीएम नायब सैनी ने भी फार्म हाउस पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर राजनीतिक तौर पर अलग उनके दोनों बेटे अजय चौटाला व अभय चौटाला और ओपी चौटाला के भाई रणजीत चौटाला भी एक साथ मौजूद रहे। चौटाला का शुक्रवार (20 दिसंबर) को दोपहर 12 बजे दिल का दौरा पड़ने से गुरुग्राम में निधन हुआ था। वे 89 साल के थे। इसके बाद उनकी पार्थिव देह शुक्रवार रात ही सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म हाउस में लाई गई।
पिता के निधन पर उनके छोटे बेटे अभय चौटाला ने सोशल मीडिया पर लिखा- पिताजी का निधन सिर्फ हमारे परिवार की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की व्यक्तिगत क्षति है, जिनके लिए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका संघर्ष, उनके आदर्श और उनके विचार हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दादा ओपी चौटाला को लौहपुरुष बताया।