( गगन थिंद ) जींद में सोमवार को किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति की प्रतियां जलाई। किसानों ने डीसी को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन दिया।
किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करके किसान संगठनों और मंचों से जानबूझ कर बातचीत नहीं कर रही है। जिस कारण किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ भारी रोष है। उन्होंने कहा कि एनडीए-2 सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के मध्यनजर 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हस्ताक्षरित समझौते का उल्लंघन किया है। जिसने तीन कृषि अधिनियमों को निरस्त करना सुनिश्चित किया था। एसकेएम ने 18वीं लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए-3 सरकार के सत्ता में आने के ठीक बाद 16, 17, 18 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदनों के विपक्ष नेताओं और संसद सदस्य को ज्ञापन सौंपे थे।
कृषि पर कॉर्पोरेट नियंत्रण का विरोध
उन्होंने कहा कि किसानों ने 9 अगस्त 2024 को पूरे देश में कृषि पर कॉर्पोरेट नियंत्रण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अब केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति लेकर आ रही है, जो तीन कृषि कानून को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने की कॉर्पोरेट एजेंडे की रणनीति का हिस्सा है।
प्रदर्शन का नेतृत्व किसान सभा के राज्य प्रधान मास्टर बलबीर सिंह, भाकियू घासीराम के राज्य प्रधान जोगेंद्र नैन व बीकेयू टिकैत के बारूराम, बलविंद्र, ज्ञानी राम, वेदप्रकाश, आजाद पालवा, छाजूराम ने किया।