( गगन थिंद ) कैथल के ट्रक ड्राइवर को ट्रांसपोर्टर ने कार में किडनैप कर लिया। इसके बाद 4-5 साथियों के साथ मिलकर पूरी रात उसे पीटते रहे। उसके पैर तोड़ दिए और सिर भी फोड़ दिया। फिर उसे कार की डिग्गी में डालकर जालंधर से कैथल के कलायत ले आए। यहां सुबह ड्राइवर की हालत बिगड़ी तो उसे निजी अस्पताल में फेंककर भाग निकले।
दरअसल, ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्टर के बीच डिलीवरी के दौरान सामान क्रैक होने को लेकर कहासुनी हुई थी। जिसके बाद उन्होंने उससे मारपीट की। यही नहीं, उसे धमकी भी दी कि इसे एक्सीडेंट बोलना, अगर पुलिस में शिकायत की तो वे उसे जान से मार देंगे।
भाई के बीमार होने पर बलकार ले गया माल
कैथल के कौल गांव के रहने वाले बलकार सिंह ने बताया कि वह पेशे से ट्रक ड्राइवर है, उसका छोटा भाई मुकेश भी ट्रक ड्राइवर है। मुकेश कलायत में ट्रांसपोर्टर के पास ड्राइवर का काम करता है। उसे 13-14 दिसंबर को ट्रक लेकर गुजरात जाना था, लेकिन उसकी तबीयत खराब हो गई।
उसके भाई ने अपनी जगह पर उसे ट्रक ले जाने के लिए कहा। इसके बाद वह गुजरात में माल की डिलीवरी के लिए निकला। उसने वहां ट्रक से सामान डिलीवर किया। इसके बाद ट्रक मालिक ने उसे गुजरात से पंजाब के जालंधर में माल पहुंचाने के लिए कहा। वह माल लोड करके जालंधर पहुंच गया।
सामान क्रैक हुआ तो मालिक ने किराया रोक ट्रांसपोर्टर को फोन किया
बलकार ने बताया कि ट्रक में वॉश बेसिन, टॉयलेट सीट आदि सामान था। उसने उसे उतारकर पैकिंग की गिनती कराई। सामान पूरा था। मालिक ने सामान चेक किया तो उसमें कुछ क्रैक थे। जिसके कारण मालिक ने ट्रक का किराया रोक दिया। उसने ट्रक मालिक यानी ट्रांसपोर्टर को फोन करके पूरी घटना बताई। ट्रक मालिक ने बलकार से नुकसान की भरपाई करने को कहा।
आखिरी डिलीवरी है, आगे काम नहीं करेगा
ट्रक ड्राइवर ने बताया कि वह गरीब है और 20 हजार रुपए की नौकरी करता है और वह इतना घाटा कैसे झेल सकता है। इस बात पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। ट्रक मालिक ने नकोदर से कलायत तक एक और डिलीवरी मांगी। बलकार ने कहा कि यह आखिरी डिलीवरी है और वह आगे काम नहीं करेगा।
नकोदर से पहले ही ट्रक खड़ा किया
पीड़ित बलकार ने बताया कि ट्रक मालिक सुबह उसे लोकेशन देने वाला था। उसने नकोदर से 10 किलोमीटर दूर ट्रक रोक दिया। अपने कंडक्टर के साथ खाना खाने के बाद वह गाड़ी में ही सो गया। 20 दिसंबर की रात को अचानक ट्रक मालिक कुछ लोगों को गाड़ी में लेकर नकोदर पहुंच गया।
कंडक्टर को नीचे उतारकर पीटा
पहले उन्होंने कंडक्टर को नीचे उतारकर पीटा। जिसके बाद कंडक्टर ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद ट्रक मालिक ने ड्राइवर को बुरी तरह पीटा और उसके पैरों व सिर पर हमला कर दिया। जिससे उसके पैरों की हड्डियां टूट गईं। हमलावरों ने उसे गाड़ी की डिग्गी में डाल लिया और कलायत ले आए।
डॉक्टरों से कहा कि उसका एक्सीडेंट हुआ
बलकार ने बताया कि जहां भी गाड़ी रोकी गई। उसे गाड़ी से बाहर खींचकर पीटा गया। सुबह तक उसकी हालत बिगड़ गई। आरोपियों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया और डॉक्टरों से कहने का दबाव बनाया कि उसका एक्सीडेंट हो गया है। वे निजी अस्पताल में छोड़कर भाग गए। मोबाइल से अपने परिजनों को कॉल किया, जिसके बाद उसके परिजन अस्पताल पहुंचे। जहां उसने अपनी आपबीती उन्हें बताई।
करनाल में चल रहा इलाज
जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई और वहां से उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसका सही से इलाज नहीं हुआ। इसलिए 23 दिसंबर को वह करनाल के एक निजी अस्पताल में पहुंचा। जहां उसका इलाज चल रहा है।
शिकायत पर अब तक कोई ध्यान नहीं
बलकार का आरोप है कि पुलिस ने भी उसकी शिकायत पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उसने बताया कि प्रदीप कुमार नाम का कोई आईओ उसके पास बयान लेने आया था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की।