( गगन थिंद ) हरियाणा और पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 11 महीने से चल रहे किसान आंदोलनों को अब संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन मिल गया है। इस संबंध में आज पटियाला के पातड़ां में एक अहम बैठक हुई, जिसमें शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे किसान नेता और SKM के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक के बाद किसान नेता सरवण पंधेर ने बताया कि 18 जनवरी को फिर से बैठक होगी, जिसमें आगामी रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी और यह तय किया जाएगा कि आंदोलन को किस दिशा में आगे बढ़ाया जाए। बैठक में यह भी तय हुआ कि अब किसान एकता के साथ अपनी आवाज उठाएंगे और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी पर रोक लगाई जाएगी।
किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि बैठक बहुत सकारात्मक माहौल में हुई। उन्होंने बताया कि सभी नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी किसानों का सहयोग जरूरी है और किसी भी प्रकार की बयानबाजी से बचना होगा।
मरणव्रत पर बैठे डल्लेवाल की हालत गंभीर
खनौरी बॉर्डर पर 49 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर है। डॉक्टरों ने बताया कि उनका शरीर अब सिकुड़ने लगा है और उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हालांकि, पंजाब सरकार ने धरनास्थल के पास अस्थायी अस्पताल और एंबुलेंस की व्यवस्था की है।
किसानों की एकजुटता और आगे की रणनीति
पातड़ां की बैठक से स्पष्ट हो गया है कि किसान अब अपने आंदोलन में एकजुटता बनाए रखेंगे और 18 जनवरी को होने वाली मीटिंग में ट्रैक्टर मार्च की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बीच, खनौरी बॉर्डर पर किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च को लेकर भी रणनीति तैयार की जा रही है।
पंजाब भाजपा प्रधान का विवादित बयान
इस बीच, पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने MSP को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि फसलों की MSP की कानूनी गारंटी पंजाब के किसानों के लिए हानिकारक हो सकती है, क्योंकि इससे किसानों को गेहूं और धान की खरीद पर मिलने वाले वर्तमान लाभ में कमी आ सकती है।