कहते हैं कि साईं बाबा हर रूप में अपने भक्तों की सहायता के लिए प्रकट होते हैं, और उनकी लीला को समझ पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है। ऐसी ही एक चमत्कारी घटना मेरे जीवन में घटित हुई, जो साईं बाबा की अपार कृपा को दर्शाती है।
कुछ समय पहले, मेरे मुंह में छाले हो गए थे, जिनकी वजह से बहुत कष्ट हो रहा था। मैंने कई उपाय किए, लेकिन आराम नहीं मिला। तभी किसी ने सुझाव दिया कि कत्थे वाला पान, बिना चुने का, खाने से छालों में राहत मिलेगी। मैंने तुरंत बाजार से पान मंगवाने का निर्णय लिया।
जब पान आया, तो वह एक साधारण कागज में लिपटा हुआ था। लेकिन उस कागज पर साईं बाबा की तस्वीर छपी हुई थी। जैसे ही मैंने वह कागज देखा, मेरे मन में एक अजीब-सा भाव उमड़ा। ऐसा लगा जैसे साईं बाबा स्वयं मुझे यह संकेत दे रहे हों कि मैं जल्द ही स्वस्थ हो जाऊंगा।
और वाकई, जब मैंने वह पान खाया, तो धीरे-धीरे मेरे छाले ठीक होने लगे। आज भी वह कागज मेरे पास सुरक्षित है। उस पर कत्थे के निशान भी लगे हुए हैं, जो मुझे हमेशा यह याद दिलाते हैं कि साईं बाबा हर पल अपने भक्तों के साथ हैं।
इस घटना ने मेरी श्रद्धा को और मजबूत कर दिया। यह अनुभव साईं बाबा की उस अपार ममता का प्रमाण है, जो वे अपने भक्तों पर सदैव बनाए रखते हैं। सच ही कहा गया है, “साईं की माया साईं ही जाने।”
अगर आपने भी ऐसी कोई अनुभव किया हो, तो उसे अपने जीवन का आशीर्वाद मानें, क्योंकि साईं बाबा के चमत्कार उनके भक्तों के लिए उनकी उपस्थिति का प्रतीक हैं।