(RICHA DHIMAN) हरियाणा के जींद जिले में खरक रामजी गांव है। इस गांव के मंदिर में किसी भी एक देवी देवता की पूजा नहीं होती। यहां का भगवान निराकार है। जिसे सब सत सही निराकार ज्योति मंदिर कहते हैं।

यह मंदिर मोलूराम जी का 800 साल पुराना है. यहाँ न तो कोई चित्र है और ना ही कोई मूर्ति. मंदिर में केवल घी का दीया जलाया जाता है और अगर कोई सच्ची भावना से यहाँ आता है तो उन लोगों की इच्छाएँ भगवान पूरी करते हैं. यह मंदिर निराकार ईश्वर की उपासना का प्रतीक है, जहाँ किसी मूर्ति या विग्रह की पूजा नहीं होती। यहाँ पंचतत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – की आराधना की जाती है।
मंदिर परिसर में सात समाधि स्थल, एक दिव्य जल तालाब और एक चंदन टीला है, जहाँ श्रद्धालु मिट्टी चढ़ाते हैं। बाबा मोलू राम ने इसी स्थान पर तपस्या की थी, और उनकी गद्दी आज भी पूजनीय है। मंदिर अद्वैतवाद के सिद्धांत का पालन करता है, जो जड़ और चेतन तत्वों को एक ही ब्रह्म स्वरूप मानता है। यहाँ प्रत्येक पूर्णिमा को मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से भक्त आते हैं। मंदिर का वर्तमान स्वरूप बाबा सुखबीर दास जी द्वारा पुनर्निर्मित किया गया है। यह मंदिर साकार और निराकार ईश्वर की एकता का संदेश देता है, और भक्तों को शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

उत्तर भारत के विभिन्न स्थानों से लोग निराकार राम जी साहिब की शक्ति में विश्वास करते हैं। हर साल होली की पूर्व संध्या पर दूर-दूर से लोग राम जी की पूजा के लिए यहां आते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं…. साल में लाखों लोग इस स्थान पर आते हैं। कच्चा टीला लोगों द्वारा चंदन की कर सेवा के रूप में मिट्टी से बनाया गया है। लगभग 100 फीट ऊंचे कच्चे टीले से आस-पास के गांव का दृश्य बहुत सुंदर दिखता है….

मंदिर में नियमित रूप से लोग सुबह और शाम दोनों समय पूजा के लिए आते हैं….होली पर सत सही निराकार ज्योति मंदिर में भव्य मेला लगता है… और दूर दराज से लोग यंहा माथा टेकने आते है…