(RICHA DHIMAN) कैथल जिले की डीसी प्रीति ने मुंदड़ी गांव की सरपंच शशि को फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर पद से हटा दिया है। साथ ही उन्हें अगले 6 वर्षों तक पंचायती राज चुनाव लड़ने से भी प्रतिबंधित कर दिया है। जांच में पाया गया कि शशि उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के दयाल वाला गांव की रहने वाली हैं। उनकी शादी मुंदड़ी के महेंद्र सिंह जाति रोड से हुई है।
नियमों के अनुसार अनुसूचित जाति का लाभ केवल जन्म से उस जाति में आने वाले व्यक्ति को ही मिल सकता है। इस आधार पर शशि को जारी किया गया अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र अवैध पाया गया।
पंच को सरपंच का कार्यभार सौंपा जाएगा
डीसी के आदेशानुसार अब बहुमत वाले पंच को सरपंच का कार्यभार सौंपा जाएगा। यह पिछले तीन दिनों में डीसी द्वारा सस्पेंड की गई दूसरी महिला सरपंच हैं। इससे पहले आंधली गांव की सरपंच को पंचायती जमीन के दुरुपयोग के मामले में सस्पेंड किया गया था। उन्होंने बिना लीज के पट्टेदारों को जमीन दी थी और अपने पंचायती मोबाइल नंबर का ओटीपी देकर 52 एकड़ पंचायती भूमि का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा दिया था।

कारण बताओ नोटिस और सुनवाई
जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने शशि को कारण बताओ नोटिस जारी किया। शशि ने 28 फरवरी 2025 को अपना जवाब दाखिल किया, लेकिन जिला प्रशासन को उनका जवाब संतोषजनक नहीं लगा। इसके बाद उन्हें निजी सुनवाई का अवसर भी दिया गया, जहां 3 मार्च को उन्होंने उपस्थित होकर कहा कि उनका जवाब ही उनका अंतिम बयान समझा जाए।
डीसी प्रीति ने सुनवाई के बाद लिया फैसला
डीसी प्रीति ने सभी तथ्यों और सुनवाई के आधार पर शशि के प्रमाण पत्र को अवैध करार देते हुए उन्हें सरपंच पद से हटाने और आगामी 6 वर्षों तक पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने का आदेश दिया। आदेश में स्पष्ट कहा गया कि अब बहुमत वाले पंच को सरपंच पद का कार्यभार सौंपा जाएगा।
भविष्य में सख्त कार्रवाई की चेतावनी
डीसी प्रीति ने स्पष्ट किया कि भविष्य में फर्जी दस्तावेजों के सहारे चुनाव लड़ने या किसी भी तरह की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का यह कदम पारदर्शी और निष्पक्ष पंचायत व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा संदेश माना जा रहा है।