करनाल। इस वर्ष देश में गेहूं उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित होने की उम्मीद जताई जा रही है। जनवरी में ठंड की अनुकूलता बनने से फसल की बढ़वार अच्छी है। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने इस बार करीब 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद जताई है। संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम ने इस महीने हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, जम्मू के मैदानी क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में गेहूं की फसल के स्वास्थ्य को लेकर प्रथम सर्वे के बाद यह संभावना जताई है। वहीं दूसरे सर्वेक्षण की तैयारी चल रही है। अगले सप्ताह वैज्ञानिकों का दल दूसरे सर्वेक्षण के लिए रवाना होगा।
प्रमुख अन्वेषक फसल सुरक्षा प्रभाव एवं प्रधान वैज्ञानिक डा. सुधीर कुमार, प्रधान वैज्ञानिक डा. पूनम जसरोटिया, वैज्ञानिक पीएल कश्यप और डा. रविंद्र कुमार ने दिसंबर के अंतिम सप्ताह से गेहूं की फसलों का सर्वे शुरू किया था। फरवरी के दूसरे सप्ताह में प्रथम सर्वे पूरा किया गया। इसके अनुसार इस वर्ष 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद जताई गई है, जबकि पिछले वर्ष देश में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 109.52 मिलियन टन हुआ था। इस संबंध में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डा. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि इस बार गेहूं की फसल स्वस्थ है। मौसम की अनुकूलता भी बनी हुई है। फसल के स्वास्थ्य को लेकर एक सर्वे कर लिया गया है और दूसरे की तैयारी है। इस वर्ष देश में गेहूं का रकबा करीब 31.50 मिलियन हेक्टेयर है। गेहूं की सालाना घरेलू खपत 80 से 90 मिलियन टन है। उन्होंने कहा कि किसान फसल की निगरानी रखें और सावधानी बरतें तो इस बार रिकार्ड गेहूं की फसल उत्पादन की संभावना है।
देश में पिछले 11 वर्षों में गेहूं उत्पादन के आंकड़े
वर्ष क्षेत्रफल उत्पादन
(मिलियन हेक्टेयर) (मिलियन टन)
2010-11 29.7 86.87
2011-12 29.87 94.882
2012-13 30.00 93.51
2013-14 30.47 95.85
2014-15 31.47 86.53
2015-16 30.42 92.29
2016-17 30.79 98.51
2017-18 29.58 99.70
2018-19 29.32 103.60
2019-20 31.36 107.86
2020-21 31.62 109.52