भवाली (नैनीताल)। बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का खामियाजा बृहस्पतिवार को एक गर्भवती को भुगतना पड़ा। जीवनदायिनी कही जाने वाली 108 एंबुलेंस का इंतजार करते-करते एक घंटा बीत गया मगर एंबुलेंस नहीं आई। प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती ने सड़क पर ही नवजात को जन्म दे दिया। यह हाल तब है जब जिले में 108 की 23 एंबुलेंस का संचालन होता है।
हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे स्थित ज्योलीकोट के पास मल्ला भूमियाधार गांव निवासी मनोज आर्य की पत्नी निर्मला आर्य के परिजनों ने सुबह नौ बजे एंबुलेंस को फोन कर भूमियाधार के पास सड़क पर आने के लिए कहा। परिजन और गांव की महिलाएं निर्मला को सड़क में ले आईं। इसके बाद वे 108 एंबुलेंस का इंतजार करते रहे लेकिन एक घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। दर्द से तड़पती गर्भवती ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट ने बताया कि 108 एंबुलेंस को कई बार फोन किया गया। सड़क पर बच्चे का जन्म होने के बाद जच्चा बच्चा को निजी वाहन से सीएचसी भवाली लाया गया, जहां से डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। पंकज बिष्ट ने कहा कि एंबुलेंस की लापरवाही से एक महिला और उसके शिशु की जान जा सकती थी।
गर्भवती ने शिशु को दो महीने पहले ही जन्म दे दिया। 108 एंबुलेंस अलग-अलग जगहों पर होती है और हो सकता इसी वजह से देर हो गई होगी। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को निजी वाहन से सीएचसी भवाली लाया गया। इसके बाद 108 एंबुलेंस से दोनों को हल्द्वानी अस्पताल भेज दिया गया।
– डॉ. अरीता सक्सेना, प्रभारी सीएचसी, भवाली
एंबुलेंस को भेजा गया मगर फोन करने वाले से नहीं हो सकी बात
हल्द्वानी। 108 एंबुलेंस के जिला कार्यक्रम अधिकारी अंकित राणा ने बताया कि 108 के कॉल सेंटर पर फोन गया था, इसके बाद नैनीताल में मौजूद एंबुलेंस को भेजा गया। करीब 14 किमी एंबुलेंस गई, वहां से संबंधित फोन नंबर पर मिलाकर लोकेशन व पता जानने के लिए फोन किया गया लेकिन जिस नंबर से काल सेंटर पर फोन किया गया था वह कनेक्ट नहीं हुआ। कई बार फोन मिलाया गया। संबंधित एंबुलेंस कर्मियों ने कॉल सेंटर को सूचित किया। उन्होंने भी कोशिश की थी, उनसे भी फोन कनेक्ट नहीं हुआ। करीब तीस मिनट एंबुलेंस रुकने के बाद लौट आई। तकनीकी कारणों के चलते यह समस्या आई थी। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस गई है, इसका जीपीएस रिकॉर्ड भी मौजूद है।