The Haryana
All Newsचंडीगढ़देश/विदेशनई दिल्लीहरियाणाहिमाचल प्रदेश

धरातल पर दिखेगी सरस्वती नदी- हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ने आदिबद्री बांध निर्माण के लिए मिलाया हाथ

हिमाचल प्रदेश | अब सरस्वती नदी केवल वैदिक मंत्रों या पौराणिक पुस्तकों में ही नहीं, बल्कि धरातल पर नजर आएगी। देवभूमि हिमाचल और हरियाणा मिलकर इसे पुनर्जीवित करेंगे। पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में शुक्रवार को आदिबद्री बांध निर्माण के लिए एमओयू साइन किया गया। इसके तहत तीन किलोमीटर लंबी झील बनेगी।

100 करोड़ से बनेगा बांध
हिमाचल प्रदेश की 77 हेक्टेयर और हरियाणा की 11 हेक्टेयर भूमि पर 35 मीटर ऊंचे बांध का निर्माण होगा। आदिबद्री बांध 100 करोड़ रुपये से बनेगा। इस बांध से विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी में पानी छोड़ा जाएगा। सिरमौर जिले की सीमा पर बांध बनाने को हिमाचल प्रदेश जमीन दे रहा है। 35 मीटर ऊंचे आदिबद्री बांध के निर्माण से हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के किसानों को सिंचाई एवं पेयजल की आपूर्ति होगी।

मनोहर लाल बोले-मां सरस्वती की धारा हमारे लिए श्रद्धा का विषय
इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 1986-87 में सरस्वती नदी के लिए की गई मेरी यात्रा के चित्र मेरे मानस पटल पर आज फिर से जीवंत हो गए। पौराणिक मान्यताओं के अलावा सैटेलाइट से भी सरस्वती नदी का प्रवाह पता चला। हमारी सरकार ने मां सरस्वती को फिर से धरा पर लाने का सपना देखा है। उम्मीद है यह जल्दी ही पूरा होगा। उन्होंने कहा कि कालका से लेकर कलेसर तक के इलाके को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। मां सरस्वती की धारा हमारे लिए श्रद्धा का विषय है। उन्होंने कहा कि सरस्वती के प्रवाह पर आने वाले 633 पुरातात्विक स्थानों में से 444 अकेले हरियाणा में स्थित हैं। हड़प्पा कालीन सभ्यता की 2600 बस्तियों में से केवल 265 पाकिस्तान में सिंधु नदी के तट पर बसी थी। शेष सभी सरस्वती के तट पर बसी थीं सीएम ने यमुना नदी पर बनने वाले हथिनीकुंड बांध के लिए हिमाचल प्रदेश में सर्वे व निरीक्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र जल्दी जारी करने का आग्रह किया।

जयराम ठाकुर ने बताया सौभाग्य
हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ये हमारे लिए सौभाग्य कि बात है कि आज एक पवित्र काम की शुरुआत हुई। हम हरियाणा के साथ सांझा प्रयास कर रहे हैं ताकि सरस्वती नदी जमीन पर दिख सके। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 1987 में आदिबद्री से कच्छ तक हुई सरस्वती नदी यात्रा में हिस्सा लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सरस्वती नदी हेतु काम करने के लिए हमें प्रेरित कर चुके हैं। इस प्रोजेक्ट से पर्यटन की भी नई संभावनाएं पैदा हो सकेंगी और रोजगार के अवसर और पानी की समस्या भी दूर होगी।

Related posts

सरकारी योजनाओं में ठगी पर CM का संज्ञान, खुद SP को फोन कर दिए जांच के आदेश

The Haryana

WhatsApp पर ChatGPT से बात करें, जानें कैसे मिलेगा मुफ्त कॉलिंग और नई सुविधाएं

The Haryana

जेल से बाहर आया गुरमीत राम रहीम- डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को छिपाकर जेल से निकाला गया, पंजाब में वोटिंग से 13 दिन पहले हुई रिहाई

The Haryana

Leave a Comment

error: Content is protected !!