नौकरियों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने अब भर्ती प्रक्रिया के नियमों में बदलाव किया है। ऑनलाइन फार्म भरते समय ही आवेदक के फिंगर प्रिंट और फेस रीडिंग ली जाएगी। सामाजिक-आर्थिक आधार पर मिलने वाले अतिरिक्त अंकों के लिए फाइनल परिणाम जारी होने से पहले ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय तहसीलदार या एसडीएम से हस्ताक्षरित शपथ पत्र जमा कराना होगा।
अभी फार्म भरने के समय केवल आवेदक के हस्ताक्षर और फोटो लिया जाता है, जिससे आवेदक सेटिंग कर अपने स्थान पर दूसरे से परीक्षा दिलाने में सफल हो जाते हैं। नया नियम बनने से अभ्यर्थी परीक्षा के पहुंचेगा तो बाहर ही उसका बायोमीट्रिक और फेस रीडिंग ली जाएगी। जिनका मैच नहीं होगा वो परीक्षा केंद्र के अंदर ही नहीं जा सकेगा। इसके अलावा अतिरिक्त अंक पाने के लिए अभ्यर्थी स्वहस्ताक्षित झूठे शपथ पत्र नहीं दे पाएंगे।
हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने सरकार को परीक्षा में निगेटिव मार्किंग की भी सिफारिश की है। परीक्षा को और व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के मसलों पर दोनों आयोगों के चेयरमैन और मुख्य सचिव की बैठक हो चुकी है। यह भी सुझाव दिया गया है कि परीक्षा में प्रश्न के उत्तर के लिए चार के स्थान पर पांच विकल्प दिए जाएंगे, किसी भी प्रश्न के लिए विकल्प के तौर पर खाली गोला नहीं छोड़ा जाएगा।
इसलिए किया जा रहा बदलाव
अभी परीक्षा के समय केंद्र के बाहर बायोमीट्रिक निशान लिए जाते हैं, जिससे फर्जी अभ्यर्थी पकड़ में नहीं आते हैं। जांच में खुलासा हो चुका है कि पुरुष सिपाही भर्ती में 133 अभ्यर्थियों ने दूसरों से परीक्षा दिलवाई या फिजिकल के समय दूसरे से दौड़ लगवाई। एसआई समेत अन्य भर्तियों में भी साल्वर गैंग फर्जी अभ्यर्थियों को बैठाकर परीक्षा दिला चुका है। महिला सिपाही भर्ती में 72 लड़कियों ने झूठे शपथ पत्र देकर आर्थिक-सामाजिक आधार पर मिलने वाले अतिरिक्त अंक हासिल किए हैं। 86 श्रेणियों की भर्तियों में केस दर्ज होने के डर से 1039 ने अपना दावा वापस लिया है।
“हरियाणा सरकार नौकरियों में मैरिट और पारदर्शिता को लेकर काम कर रही है। इसी को आधार बनाते हुए कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। ऑनलाइन फार्म भरते समय ही फिंगर प्रिंट और फेस रीडिंग ली जाएगी, ताकि कोई गलत व्यक्ति परीक्षा केंद्र के अंदर ही न जा सके। दूसरा, आर्थिक-सामाजिक आधार पर मिलने वाले अतिरिक्त अंकों के लिए अब फाइनल परिणाम से पहले दस्तावेज जांच के समय ही तहसीलदार या एसडीएम से हस्ताक्षरित शपथ पत्र जमा कराना होगा।” -भोपाल सिंह खदरी, चेयरमैन, एसएसएससी।