हरियाणा में अक्टूबर में बेमौसमी बारिश से खराब हुई धान-कपास की फसलों का मुआवजा अभी किसानों को मिल नहीं पाया है। इधर लगातार जारी बारिश से अब सब्जी और सरसों की फसलों में नुकसान हो रहा है। कई जिलों में तो गेहूं की फसलों में भी पानी भर गया है। अगर निकासी नहीं हुई तो यह फसल भी खराब हो सकती है। एक बार फिर से किसान और भाकियू विशेष गिरदावरी की मांग कर रहे हैं।
पिछले सप्ताह भी 3 दिन तक प्रदेश में बारिश दर्ज की गई। हालांकि, सामान्य तौर पर यह बारिश गेहूं की फसल के लिए काफी लाभदायक मानी जा रही है लेकिन मटर, गोभी, टमाटर, आलू, गाजर की फसलों के लिए यह नुकसानदेह है। इसी प्रकार, बारिश और तेज हवा के कारण सरसों की फसल भी गिर गई है।
इससे उत्पादन प्रभावित होगा। यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला, सोनीपत समेत अन्य जिलों में गेहूं की फसलों में पानी भर गया है। ऐसे में यह फसल खराब होने की स्थिति में पहुंच गई है। बता दें कि इस बार प्रदेश में 19 लाख एकड़ में सरसों की बिजाई की गई है, जबकि 22.9 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई की गई है।
किसान बोले- फसलों में अधिक नुकसान, हो विशेष गिरदावरी
यमुनानगर के किसान सुभाष गुर्जर, साढोरा निवासी सुखदेव ने बताया कि बारिश से सब्जी वाली फसलों में अधिक नुकसान है। कई स्थानों पर गेहूं की फसलें भी बारिश से लबालब हैं। इसी प्रकार, पंचकूला के बृजपाल ने बताया कि अधिक बारिश हुई तो गेहूं की फसल भी खराब हो सकती है। किसानों ने मुआवजे के लिए विशेष गिरदावरी की मांग की है।
किसानों को मिलना है 350 करोड़ का मुआवजा
अक्टूबर में हुई बेमौसमी बारिश से प्रदेश में फसलें खराब हो गई थी। सरकार ने इसकी विशेष गिरदावरी कराई थी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि करीब 3.5 लाख एकड़ में धान, कपास समेत अन्य फसलें खराब हुई थी। सरकार इसके बदले करीब 350 करोड़ रुपये किसानों को मुआवजे के तौर पर देगी। इस बारे में एसीएस पीके दास का कहना है कि जल्द ही किसानों के खाते में राशि डाली जाएगी।
भाकियू के सदस्य सभी जिलों में जा रहे हैं। सभी जगह बारिश से नुकसान की रिपोर्ट आ रही है। खासकर सब्जी वाली फसलें को खराब हो गई। इससे किसानों को नुकसान हुआ है। गेहूं की फसलों में भी पानी जमा है, इसकी निकासी के प्रबंध किए जाएं। सरकार को तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी करानी चाहिए। -रतन मान, प्रदेशाध्यक्ष, भाकियू।
वैसे तो गेहूं की फसल के लिए यह बारिश लाभदायक है, लेकिन अगर बारिश के बाद हवा चलती है तो इससे फसल गिर सकती है। सरसों और सब्जी वाली फसलों के लिए जरूर नुकसान हो सकता है। किसानों को चाहिए कि फसलों से पानी की निकासी की व्यवस्था जरूर करें। –डॉ. जगराज ढांडी, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग।