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महज 14 साल की उम्र में बना दिए दर्जन भर से ज्यादा एप, आज प्रधानमंत्री करेंगे सम्मानित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित करेंगे। देश भर के 28 विद्यार्थियों की सूची में हरियाणा से एकमात्र विद्यार्थी सिरसा के डबवाली निवासी तनिश सेठी को भी शामिल किया गया है। तनिश ने महज 14 साल की छोटी सी उम्र में एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल एप बना डाले। केंद्र सरकार की ऑनलाइन प्रतियोगिता में भाग लेकर भी तनिश अपना हुनर दिखा चुका है।

सोमवार को ऑनलाइन कार्यक्रम होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर के 28 विद्यार्थियों को सम्मानित करेंगे। इनमें हरियाणा से एकमात्र विद्यार्थी सिरसा के डबवाली निवासी अजय सेठी का बेटा तनिश सेठी शामिल है जो अवार्ड हासिल करेगा। 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले तनिश की इस उपलब्धि पर ना केवल परिवार बल्कि साथी विद्यार्थी और जिला प्रशासन भी गदगद है।

यू-ट्यूब से सीखा मोबाइल एप बनाने का गुर, लॉकडाउन में बना डाली पहली एप
कोराना महामारी के दौरान सब कुछ बंद हो गया। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई ऑनलाइन आ गई। इसी का फायदा उठाया। तनिश ने यू-ट्यूब से मोबाइल एप बनाना सीखा और केंद्र सरकार की मायजीओवी.इन वेबसाइट पर क्विज का शौक पूरा करने के लिए भाग लिया। बताया जा रहा है कि उसी से वह प्रेरित हुआ और आगे नई एप बनाने का हौसला भी जगा।

केवल दो सप्ताह की मेहनत से तनिश ने पहली एप को 20 जून 2020 को लांच कर दिया। डबवाली के मैरीलैंड कॉन्वेंट स्कूल के छात्र तनिश के पिता अजय सेठी जेबीटी है और उसकी मां सरीना पंजाब में हेड टीचर है। अब डेढ़ साल के दौरान तनिश एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल एप तैयार कर चुका है।

देश में बोली जाने वाली 10 मुख्य भाषाओं को जानने के लिए स्पीक इंडिया एप बनाई है। भाषा को समझने के लिए उसे आसानी से ट्रांसलेट किया जा सकता है। इसके अलावा स्पीक वर्ल्ड एप विश्व भर में बोली जाने वाली 92 भाषाओं को एक-दूसरे में कन्वर्ट करके समझने में मदद करती है। इसके अलावा टेलर डायरी, स्कैन वाय : मेड इन इंडिया, सेठी क्लेप, लिस्ट अप : मेड इन इंडिया मोबाइल एप, पशुओं की बिक्री के लिए मोबाइल डिवेल्प कर चुका है।

कोराना महामारी में देखा ऑक्सीजन संकट तो बना दी एप
अप्रैल 2021 में देश में कोरोना लहर चरम पर थी। ऑक्सीजन के संकट का सामना सभी ने देखा। ये संकट तनिश ने देखा तो उसके दिमाग में नया आइडिया आया। कुछ ऐसा करने का मन बनाया कि ऑक्सीजन बेचने और खरीदने वाले एक मंच पर कैसे लाएं। इस पर उसने नई मोबाइल एप तैयार की। ऑक्सीजन स्टोर नाम से तैयार एप को तनिश ने 28 अप्रैल को जारी कर दी।

सम्मानित होना गौरव की बात : एसडीएम
जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किए जाने बारे सूचना आई थी। हमने परिवार को सूचित कर दिया है। छोटी सी उम्र में उपलब्धि हासिल करने पर अवार्ड मिलना गौरव की बात है। हमने भी बच्चे को शुभकामनाएं दी हैं। इससे दूसरे विद्यार्थियों को भी हौसला बढे़गा और वे नया सीखने के लिए आगे आएंगे।- राजेश पूनिया, एसडीएम, डबवाली।

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