कैथल, 26 जनवरी ( ) हरियाणा के श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक ने कहा कि सन 1950 में आज ही के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। इसी संविधान के कारण हम सभी को समान न्याय स्वतंत्रता एवं समानता का अधिकार मिला है। आज इस अवसर पर मैं बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सहित संविधान सभा के तमाम सदस्यों को नमन करता हूं। गणतंत्र दिवस के साथ हमारे देश भक्तों के त्याग और बलिदान की एक लंबी गौरव गाथा जुड़ी हुई है। देश को आजादी दिलाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और उधम सिंह जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने लंबा संघर्ष किया। देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की न्यौछावर करने वाले सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों के साथ-साथ उन जांबाज जवानों को भी सलाम करता हूं, जिन्होंने आजादी के बाद देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनुप धानक गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्थानीय पुलिस लाईन परिसर में बतौर मुख्यातिथि राष्ट्रीय ध्वज फहराने उपरांत जिला वासियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में हरियाणा प्रदेश का भी अहम योगदान रहा है तथा आज भी हरियाणा के नौजवान सेना में भर्ती होना अपनी शान समझते हैं। यही कारण है कि आज भारतीय सेना का 10 वां जवान हरियाणा से है। हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के कठोर संघर्ष से हमें आजादी मिली तो वही दिन रात मुस्तैदी से देश की सीमाओं की निगरानी करने वाले वीर सैनिकों के कारण हमारी यह आजादी सुरक्षित है तथा पूरा देश उनका ऋणी है। उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए हमने युद्ध के दौरान शहीद हुए हरियाणा के सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों की अनुग्रह राशि तथा आईईडी ब्लास्ट में शहीद होने पर अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है।
युद्ध अथवा आंतकवादियों से मुठभेड़ या किसी अन्य घटना के दौरान घायल हुए सैनिकों और अर्ध सैनिक बलों के जवानों की अनुग्रह राशि निशक्तता के आधार पर बढ़ाकर 35 लाख, 25 लाख व 15 लाख रुपये की गई है। सरकार ने सैनिकों के कल्याण के लिए 8 जिलों में एकिकृत सैनिक सदन बनाने का निर्णय लिया है। इन पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले लगभग 8 साल के कार्यकाल में कई ऐसे निर्णय लिए जिसे न केवल भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदला, बल्कि एक शक्तिशाली देश के रूप में हमारी पहचान बनी है। केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 व धारा 35ए को हटाने, नागरिकता संशोधन कानून, तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने, अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाने समेत अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
सबका साथ-सबका विकास के मूल की नई अनूठी पहल
उन्होंने कहा कि हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में मौजूदा सरकार सबका साथ-सबका विकास के मूल मंत्र पर प्रदेश के हर क्षेत्र का समान विकास करवाने के लिए प्रयासरत है। राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन एवं सुशासन के पथ पर चलते हुए एक नई अनूठी पहल की है। इनमें युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी, कर्मचारियों का ऑनलाइन तबादला, राशन, पेंशन, वजीफा, सब्सिडी में चल रहे फर्जीवाड़े को बंद करना आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की गिनती देश के सर्वाधिक विकसित राज्य में होती है तथा हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां पढ़ी-लिखी पंचायतें हैं। हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य भी है जिसने शासन में पंचायती राज संस्थाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए अंतर जिला परिषद का गठन किया है। पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए ग्राम विकास विभाग की सभी योजनाएं जिला परिषदों को हस्तांतरित की है। पंचायत को गांव में शराब का ठेका खोलने या ना खोलने की शक्तियां भी दी है। जिला परिषद के अध्यक्ष को डीआरडीए का चेयरमैन बनाया है मतदाताओं को राइट टू रिकॉल दिया है। पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को पेंशन देकर उनका सम्मान बढ़ाया है। इसी प्रकार सभी नगर निकायों को शक्तियों के विकेंद्रीकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। शहरी निकायों को मजबूत बनाने के लिए मेयर का प्रत्यक्ष चुनाव करवाया है। पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए संपत्ति के पंजीकरण पर स्टांप शुल्क का भी 2 प्रतिशत राजस्व इन्हें प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल बनाने के लिए ग्राम दर्शन पोर्टल पर 6197 ग्राम पंचायतों का डिजिट डिजिटल डाटा उपलब्ध है। ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए गांव को लालडोरा मुक्त किया जा रहा है, जिसमें 6309 गांव को कवर किया जा चुका है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां हेपेटाइटिस सी व बी की दवाइयां मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में हरियाणा को देश में प्रथम स्थान मिला है। हरियाणा ऐसा पहला प्रमुख राज्य बन गया है, जहां प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से शत-प्रतिशत लाभार्थियों के खाते में सामाजिक सुरक्षा पेंशन भेजी जा रही है।
सरकार की योजनाओ का लाभ
राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर व्यक्ति को उसके घर द्वार पर ही सरकार की योजनाओं में सेवाओं का लाभ मिले, इसके लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं व सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। मेरा परिवार मेरी पहचान कार्यक्रम के तहत सभी परिवारों के परिवार पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। पीपीपी पोर्टल पर अब तक लगभग 72 लाख परिवारों का पंजीकरण हो चुका है, जिनमें से अब तक 58 लाख 80 हजार से अधिक परिवारों का डाटा सत्यापित हो चुका है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 27 लाख लाभ पात्रों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया है।
प्रदेश के सबसे गरीब परिवारों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उठान योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत सबसे गरीब परिवारों की पहचान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम एक लाख 80 हजार की जाएगी। इस योजना के तहत अब तक 1 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले लगभग एक लाख 49 हजार परिवारों की पहचान की गई है। मार्च 2022 तक एक लाख परिवारों के उत्थान का लक्ष्य है।
प्रदेश में बीपीएल परिवारों की वार्षिक आय सीमा एक लाख 20 हजार से बढ़ाकर एक लाख 80 हजार रुपये की गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवारों को गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत बीपीएल परिवारों को 6 हजार रुपये वार्षिक सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत कोविड-19 के मद्देनजर मार्च 2022 तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी फड़ी वालों को अपना काम शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए 75 हजार मकान बनाए गए हैं। प्रदेश में सभी तरह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाकर 2500 रुपये मासिक की गई है। इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों को भी 2750 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है। गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह पर शगुन के रूप में मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 71 हजार रुपये तक की राशि दी जा रही है। स्कूल नहीं जा पाने वाले 18 वर्ष के निशक्त बच्चों को दी जा रही वित्तीय सहायता बढ़ाकर 1900 रुपये मासिक की गई है।