सिरोही में एक ही दिन में दो भाइयों के मौत ने सभी को हौरान कर दिया है। हुआ यूं कि एक भाई की मौत होने के 20 मिनट बाद ही दूसरे ने भी दम तोड़ दिया और एक दिन में घर से दोनों भाइयों की अर्थी उठी। दोनों भाइयों की शादी भी एक ही दिन हुई थी, और दुनिया को अलविदा भी दोनों ने एक ही साथ किया। हालांकि भाईयों की उम्र में 15 साल का अंतर था, लेकिन उनका अटूट प्रेम उन्हें आखिरी पल तक जुदा नहीं कर पाया।
पत्नी के हाथों आखिरी बार खाया था खाना
छोटे भाई हीरा राम देवासी की तबीयत कई दिनों से खराब थी लेकिन बड़े भाई रावता राम स्वस्थ थे। 29 जनवरी को रावता राम ने खाना नहीं खाया, इसके बाद उनकी पत्नी के कहने पर बड़ी मुश्किल से एक बिस्किट खाया और छोटे भाई का हाल पूछकर सो गए फिर कभी नहीं उठे।
बड़े भाई की मौत का पता चलते ही छोटे ने तोड़ा दम
रावता राम (90) और हीरा राम देवासी (75) की उम्र में 15 साल का फासला था। रावताराम बड़े थे। दोनों भाइयों की शादी भी एक ही दिन हुई और एक ही दिन दोनों का निधन हो गया। रावता राम के बड़े बेटे भीका राम ने बताया कि चाचा कुछ दिनों से बीमार थे। पिताजी की तबीयत एकदम ठीक थी। 29 जनवरी को सुबह पिताजी ने कुछ नहीं खाया था। मां के कहने पर सिर्फ एक बिस्किट खाया था। उन्होंने चाचा की तबीयत के बारे में पूछा और सो गए, इसके बाद उठे ही नहीं।
कुछ देर में चाचा हीरा राम उनके पास आए। पिताजी की मौत के बारे में पता चलते ही उनकी भी तबीयत बिगड़ गई, कहा-मुझे सर्दी लग रही है। इसके बाद धूप में ही खाट पर ले गए। 20 मिनट बाद उनकी भी मौत हो गई।
जिंदगी में कभी एक-दूसरे से नहीं किया लड़ाई-झगड़ा
दोनों भाइयों की एक साथ मौत से इलाके के लोग हैरान हैं। क्योंकि एक भाई बीमार था, जबकि दूसरा बिल्कुल स्वस्थ्य था। लोगों का कहना है कि दोनों भाइयों का प्रेम मिसाल था। कभी उनके बीच झगड़ा तो दूर मामूली अनबन भी कभी नहीं हुई। ये अटूट प्रेम ही था कि पांच दिन पहले एक भाई की मौत के बाद दूसरे ने भी दम तोड़ दिया। घटना सिरोही जिले के रेवदर कस्बे के डांगराली गांव की है।
पूरी जिंदगी साथ खासा खाना और अर्थी भी साथ उठी
दोनों भाइयों की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई। दोनों भाइयों की एक साथ अर्थी उठी। अंतिम संस्कार में रेवदर कस्बे और आसपास के कई गांवों के लोग शामिल हुए। दोनों भाइयों के किस्से पूरे गांव और कस्बे में चर्चित थे। भीका ने बताया कि दोनों में असीम प्रेम था। दोनों साथ में रहते थे। खाना पीना भी साथ ही करते थे। एक दूसरे का बहुत ज्यादा ध्यान रखते थे।
10 भाईयों के परिवार में थी एक बहन
रावता राम और हीरा राम की एक बहन है जिसका नाम नवु देवी है। सिरोडी में नवु देवी का ससुराल है। रावता राम के पिता का नाम दोला राम और पत्नी का नाम ओटी देवी है। उनके पांच पुत्र और एक पुत्री है। इनके पुत्र भीका राम, फगलू राम, वीरा राम, जीवा राम, लक्ष्मण राम, पुत्री कलु बेन है। हीरा राम की पत्नी का नाम गजरी देवी है। इनके दो पुत्र और चार पुत्री हैं। इनमें पुत्र नारायण राम, उका राम, पुत्री गेरी बेन, सनकु बेन, भदी बेन और फुली बेन हैं। रावता राम के बड़े बेटे भीका राम परिवार के सबसे बड़े हैं इसलिए अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन पर है। उन्होंने बताया कि दोनों परिवारों में 11 भाई-बहन हैं।