हरियाणा में अब मुख्यमंत्री समेत केंद्र या फिर अन्य राज्यों से आने वाले वीवीआईपी व्यक्ति जिलों में विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिस जवानों के सुरक्षा घेरे में होंगे। इसके लिए सीआईडी विभाग की ओर से अब हर जिले से सीआईए के (क्राइम इंवेस्टिंग एजेंसी) के जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश के आधे से अधिक जिलों के जवान ये कोर्स कर चुके हैं और शेष के लिए जारी है।
पहले सीआईडी के जवानों को भी इसके लिए कोर्स कराया गया था। सीआईए के कर्मचारियों को पंचकूला स्थित कमांडो ट्रेनिंग सेंटर में चार दिन तक विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। हर जिले से 30 से 40 जवानों को इसके लिए चुना गया है। सीपीटी (क्लोज प्रोटेक्शन टीम) के नाम से जवानों में आपसी तालमेल और टीम भावना रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जब भी संबंधित जिले में किसी वीवीआईपी का कार्यक्रम होगा, ये जवान ही व्यक्ति विशेष के लिए सुरक्षा घेरा बनाएंगे। चार दिन के इस कोर्स में जवानों को वीवीआईपी के सुरक्षा घेरा बनाने और इससे किसी आम जन को परेशानी न हो इसका प्रशिक्षण कराया जाएगा।
भीड़ वाले इलाकों में किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए और आधुनिक हथियार चलाने समेत अन्य जानकारी दी जा रही हैं। सीआईडी के एडीजीपी आलोक मित्तल ने बताया कि हर जिले से जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
हथियार चलाने से रखरखाव के भी दिए जा रहे टिप्स
यूं तो समय समय पर सीआईडी विभाग सुरक्षा को लेकर मंथन करता है। लेकिन किसान आंदोलन के दौरान हुई कुछ घटनाओं के बाद वीवीआईपी की सुरक्षा को लेकर दोबारा से मंथन किया गया। इसी के तहत विशेष प्रशिक्षण की बात सामने आई, ताकि जवान विशेष रूप से घेरा बना सकें।
प्रशिक्षण के दौरान इंडोर और आउटडोर कार्यक्रमों के तहत किस प्रकार से सतर्कता बरतनी है, इसकी तैयारी कराई जाती है। भीड़ में व्यावहारिक सुरक्षा देने के साथ किसी भी आपात स्थिति में निपटने के लिए जवानों को आधुनिक हथियारों पिस्टल, कार्बाइन, एके 47 के चलाने और रखरखाव की ट्रेनिंग दी जा रही है।