हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा संचालित आठवीं कक्षा की परीक्षाओं में सीबीएसई स्कूल के बच्चों का पंजीकरण कराने का निजी स्कूलों ने विरोाध् किया है। उनका कहना है कि सीबीएसई बोर्ड से संचालित हो रहे किसी भी स्कूल पर िभवानी बोर्ड का आदेश लागू नहीं होता। ऐसे में कोई भी स्कूल पंजीकरण नहीं कराएंगे।
फरीदाबाद प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस के प्रेसिडेंट नरेंद्र परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार नियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा संशोधित नियम, जिसमें कक्षा पांचवी और आठवीं की नियमित परीक्षाएं करवाने एवं उपरोक्त कक्षाओं में होने वाली परीक्षाओं में यदि कोई विद्यार्थी किसी विषय में अनुत्तीर्ण हो जाता है, तो उसको पास या फेल करने का निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ा गया था। जिसके चलते हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने हरियाणा प्रदेश में सभी विद्यालयों को एक तरफा आठवीं कक्षा की परीक्षाएं बोर्ड द्वारा करवाने का आदेश जारी कर दिया। ये आदेश गलत है। उच्च न्यायालय में शिक्षा विभाग का पक्ष रखते हुए एडवोकेट जनरल ने लिखित जवाब में कहा कि उपरोक्त परीक्षाएं करवाने संबंधित सभी आदेश विभाग द्वारा वापिस ले लिए गए हैं। बावजूद बोर्ड सीबीएसई बोर्ड स्कूलों पर मनमानी कर रहा है। अब हरियाणा शिक्षा बोर्ड नोटिफिकेशन जारी कर एस सी आर टी, गुड़गांव को स्वयं या किसी अन्य एजेंसी से उपरोक्त कक्षाओं की परीक्षाएं लेने के लिए अधिकृत कर दिया। एसोसिएशन के महासचिव राजदीप सिंह ने कहा कि सीबीएसई से संबंधित स्कूलों की परीक्षा का निर्णय, सिलेबस, ब्लूप्रिंट सब सीबीएसई नई दिल्ली के द्वारा निर्देशित होता है। ऐसे में कोई भी निजी स्कूल बोर्ड की बात मानने को तैयार नहीं है और न ही पंजीकरण कराने के लिए।
बोर्ड से परीक्षा करवाना गलत
वाइस प्रेसिडेंट टी एस दलाल ने कहा कि अभी तो कोरोना महामारी से पिछले दो सालों से ऑनलाइन क्लासेस ही चल रही थी। अभी भी विद्यालय खुलने के बाबजूद ऑनलाइन एवं ऑफलाइन से पढ़ाई के दोनों विकल्प बच्चों के पास हैं। ऐसी क्या मजबूरी है कि 12-13 साल के छात्रों की परीक्षाएं बोर्ड द्वारा करवाने का एकतरफा फैसला लेकर बच्चों पर मानसिक तनाव दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के आदेश के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगें।