हरियाणा के पानीपत जिले का सरकारी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। अस्पताल में बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है। यह वारदात और किसी और ने नहीं, बल्कि खुद सिविल अस्पताल के कर्मचारियों ने की है। आत्महत्या करने वाली महिला के शव का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा गया था, लेकिन शवगृह में ड्यूटी देने वाले एक कर्मचारी ने मृतक महिला के शरीर से आभूषण चुरा लिए। इतना ही नहीं, आभूषण चुराकर उन्हें मार्केट में एक ज्वैलर को बेच भी दिए। शव का अंतिम संस्कार करके परिजन दो दिन बाद सिविल अस्पताल पहुंचे तो इस बड़ी वारदात का खुलासा हुआ।
जैसे ही यह बात अस्पताल प्रबंधकाें को पता लगी तो हड़कंप मच गया। शवगृह में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को तलब किया गया। मामला बाहर ही बाहर रफा-दफा करने के लिए मृतक महिला के परिजनों से जांच करने का एक दिन का समय मांगा गया। इस तय समय में उक्त आरोपी कर्मचारी को फटकार लगाई गई। साथ ही उसे आभूषण वापस देने के लिए कहा गया। आरोपी ज्वैलर के पास गया और उसने आभूषण बेचने पर मिली कीमत से कुछ ज्यादा कीमत चुकाते हुए आभूषण वापस लिए, जो मृतका के परिजनों को देकर मामला खत्म कर दिया गया।
सीएमओ ने पीएमओ को सौंपी मामले की जांच
शवगृह में रखे शव से आभूषण चोरी होने और चोरी आभूषण मार्केट में बेचे जाने की खबर मिलने के बाद एक ओर जहां अस्पताल के जिम्मेदार प्रबंधक और डॉक्टरों में हड़कंप मच गया, वहीं दूसरी ओर सीएमओ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच शुरू करवाई। उन्होंने यह जांच पीएमओ को सौंपी है। इस बारे में सीएमओ डॉ. जितेंद्र कादियान का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। वे इस मामले की अपने स्तर पर पीएमओ के नेतृत्व में टीम गठित करके जांच करवा कर रहे हैं।
हालांकि सोमवार दोपहर बाद तक पीएमओ की जांच में इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई थी। न ही मृतक महिला के परिजनों की ओर से कोई लिखित शिकायत दी गई थी। फिर भी इस तरह की बड़ी बात सामने आने के बाद वे किसी शिकायत का इंतजार नहीं कर सकते हैं, जांच जारी है। जांच में जो भी तथ्ये सामने आएंगे, उस हिसाब से आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आरोपी का ऑडियो आया सामने, बोला- 5800 में बेचे थे गहने
इस बारे में जब अस्पताल के सरकारी कर्मचारी और निजी कर्मचारियों को पता लगा तो एक कर्मचारी ने आरोपी के मोबाइल फोन पर कॉल की। बातचीत में आरोपी ने कहा कि हां, उसने आभूषण बेचे थे, लेकिन उसने आभूषण उतारे नहीं थे, बल्कि वे शवगृह में पड़े मिले थे। इसके बाद निजी कर्मचारी ने उसे फटकार लगाते हुए कहा कि हमें भी काम करते हुए कई साल हो गए हैं। आभूषण कभी भी ऐसे खुद नहीं गिरते हैं, शव से उतारे जाते हैं।
फिर उसने कहा कि हां मेरे से यह गलती हुई है। मैंने आभूषण शाम तक तो अपने पास संभाल कर रखे थे। शाम तक कोई नहीं आया तो मैं उन्हें बाजार में जाकर बेच आया था। मैंने आभूषण 5800 रुपए में बेचे थे, जो मृतक महिला के परिवार वालों के ऑब्जेक्शन करने पर वापस लाकर दे दिए है। इसके बाद निजी कर्मचारी ने कहा कि इसका मतलब तो यह है कि तूने इस तरह पहले भी वारदात की होंगी। जिस पर कर्मचारी ने मना करते हुए कहा कि नहीं, पहली ही बार किया था, इसी वारदात में पकड़ा गया। मुझसे गलती हो गई है।