हरियाणा के सिरसा में गुरुनानक नगर कालोनी में रहने वाली मनुरीत अनेजा और एमसी कालोनी निवासी खुशी शर्मा यूक्रेन से लौट आई हैं। उनके परिवारजन अपनों के सही सलामत सही घर आने से खुश हैं, वहीं दोनों युवतियों को यूक्रेन में फंसे अपने दोस्तों की सुरक्षा की चिंता सता रही है।
मनुरीत अनेजा और खुशी शर्मा दोनों सहेलियां हैं। दोनों सिरसा में भी एक स्कूल में पढ़ती थी और डॉक्टर बनने के लिए तीन महीने पहले यूक्रेन भी एक साथ गई। रूस और यूक्रेन में बढ़े तनाव को लेकर 15 दिनों से दोनों के परिजन उन्हें सिरसा वापस लौटने के लिए कह रहे थे। वे बताती हैं कि वहां यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना था कि लवीव सबसे सुरक्षित है। कोई डर नहीं हैं। वहां हालात भी सामान्य थे।
लौट आने की खुशी-दोस्तों की सताई चिंता
मनुरीत अनेजा व खुशी शर्मा ने बताया कि सिरसा आने के बाद जब उन्होंने यूक्रेन में अपने दोस्तों से कॉल की तो पता चला कि वहां ब्लैक आउट कर दिया गया है। इंटरनेट व्यवस्था ठप है। उन्होंने कहा कि शुक्र है वे सही समय पर वहां से निकल आई नहीं तो परिजनों को चिंता हो सकती थी।
वहां बड़ी तादाद में भारतीय
छात्रा मनुरीत अनेजा का कहना है कि लवीव यूनिवर्सिटी में बड़ी तादाद में भारतीय हैं। वे 22 फ़रवरी को यूक्रेन से निकल गए थे। अब वह जो स्टूडेंट रह गए हैं वो डर के साये मे हैं। छात्राओं ने बताया कि वहा रहने वाले स्टूडेंट्स से उनकी बात हुई है, जो ये बता रहे हैं कि उन्हें वहां खाने-पीने की दिक्कत हो रही है कभी भी लाइट बंद हो सकती है तो इंटरनेट बंद हो सकता है। जिस कारण वे लोग अपने घर पर बात नहीं कर सकते।
दोस्त काफी दिककत में
यूक्रेन से वापस आई स्टूडेंट छात्रा खुशी ने का कि उन्हें ख़ुशी है कि वे सही सलामत वापस अपने परिजनों के बीच पहुंच गई हैं, लेकिन अपने दोस्त जो वहां फंसे हुए हैं उनकी चिंता भी हो रही है कि वे भी जल्दी वापस अपने घरों में पहुंच जायें।अब जो स्टूडेंट्स वहा है उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
अभिभावक बोले- दोगुना किराया दिया
मनुरीत के पिता देवेंद्र सिंह ने बताया कि खबरों से उन्हें पता चल रहा था कि वहां का माहौल ख़राब हो रहा है तो उन्होंने ये निर्णय लिया और 22 फ़रवरी की टिकट करवाई। आज हमारी बेटी हमारे पास है और सरकार से ये निवेदन है कि बाकि बच्चों को भी जल्द वापस लाने काम करें| साथ ही मनुरीत की मां बोली बेटी लौट आई जान में जान आई है।
उधर ख़ुशी शर्मा की मां मोनिका शर्मा ने कहा कि युद्ध के हालात बने हुए थे, जिस कारण उन्हें अपनी बेटी की चिंता हो रही थी। लेकिन बच्चे यही कह रह थे कि अभी ऐसा यहां कुछ नहीं है। उन्हें अपनी बेटी को यूक्रेन से वापस लाने के लिए टिकट के दोगुना रुपए देने पड़े।