अवैध बालू खनन के मामले में पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर एस हनी की न्यायिक हिरासत 10 मार्च तक बढ़ा दी गई है। हनी को 11 फरवरी को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। हनी को ईडी ने रेत खनन और तबादले के खेल में गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने चार फरवरी को हनी को चार दिन के रिमांड पर लिया था। उसके बाद आठ फरवरी को दोबारा उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने हनी को 11 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
आठ फरवरी को अदालत में ईडी ने दावा किया था कि भूपेंद्र सिंह हनी ने पूछताछ में माना है कि अवैध खनन मामले में अधिकारियों के स्थानांतरण करवाकर करोड़ों रुपये की वसूली की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि हनी ने चन्नी के नाम का इस्तेमाल कर 325 करोड़ रुपये कमाए हैं। अफसरों को आशंका है कि पूछताछ में हनी कुछ और महत्वपूर्ण खुलासे कर सकता है।
ईडी का दावा- हनी ने स्वीकार की करोड़ों वसूली की बात
ईडी की तरफ से पेश वकील लोकेश नारंग ने अदालत में कहा था कि मामला करोड़ों रुपयों से जुड़ा है। ईडी ने दावा किया कि हनी ने पूछताछ में माना है कि अवैध खनन मामले में अधिकारियों के स्थानांतरण करवाकर करोड़ों रुपये की वसूली की है। इसकी गहराई में जाने और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए और पूछताछ की जरूरत है। जांच एजेंसी ने अदालत में तर्क दिया कि हनी व उसके सहयोगियों के पास से जब्त करीब 10 करोड़ रुपये की धनराशि पंजाब में अवैध रेत खनन व अधिकारियों के तबादलों के जरिये एकत्र की गई थी।