यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बाद से हरियाणा के 1014 विद्यार्थियों को सकुशल वापस लाया जा चुका है। अब तक 599 छात्र यूक्रेन छोड़कर पोलेंड, हंगरी और स्लोवाकिया की सीमा पर पहुंच चुके हैं, जबकि 20 विद्यार्थी भारत में पहुंचने वाले हैं। अब प्रदेश के केवल 123 युवा यूक्रेन के शहरों में फंसे हैं। इसके अलावा, 59 युवाओं से संपर्क नहीं हो पाया रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से लगातार इनसे संपर्क की कोशिशें जारी हैं।
शुक्रवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी। मनोहर लाल ने कहा कि यूक्रेन में अब तक हरियाणा के 1815 छात्रों की पहचान की गई है, जो पहले 1785 थी। रोजाना फ्लाइट्स से प्रदेश के विद्यार्थी दिल्ली और मुंबई पहुंच रहे हैं। हरियाणा सरकार इस मामले को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समस्या भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की है। सभी को सुरक्षित लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार तमाम प्रयास कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि छात्र और परिजन धैर्य रखें। सरकार उनके साथ हरदम खड़ी है। केंद्र सरकार के सहयोग से यूक्रेन में फंसे सभी नागरिकों को सकुशल वापस लाना प्राथमिकता है।
यूक्रेन से हरियाणा के 10 और छात्र मुंबई पहुंचे
हरियाणा सरकार द्वारा यूक्रेन में फंसे बच्चों के लिए मुंबई में स्थापित हेल्प डेस्क ने शुक्रवार को हवाई अड्डे पर हरियाणा के 10 और छात्रों का स्वागत किया। हेल्प डेस्क ने उन्हें 1000 रुपये नकद व दिल्ली के लिए हवाई टिकट प्रदान किया। मुंबई पहुंचे इन छात्रों में कुरुक्षेत्र के मनीष कुमार, फरीदाबाद के हिमांशु, अंबाला के रोहित सिंह नैन, जींद के विवेक चहल और राहुल चहल, यमुनानगर की मानसी शर्मा, करनाल की दीक्षा, यमुनानगर के भूपेंद्र सिंह, करनाल के प्रतीक और पलवल के प्रदीप शामिल हैं। मुंबई हेल्प डेस्क द्वारा इन्हें मिलाकर अब तक 19 छात्रों को रिसीव किया जा चुका है।