करनाल स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार में फंसे एसई दीपक किंगर की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है। वहीं एसई दीपक किंगर के पीए विकाश शर्मा को आज कोर्ट में पेश कर रिमांड हासिल करेगी। एसई दीपक किंगर अपनी ही शिकायत की जांच हुई तो बुरे फंस गए।
उनकी शिकायत पर पकड़े गए आरोपियों द्वारा दी गई वीडियो में लेन-देने की बात साफ हो गई है। 32 में से 19 वीडियो में एसई दीपक किंगर व पीए विकाश शर्मा द्वारा ठेकेदारों से रिश्वत / कमीशन का लेन-देन साफ नजर आ रहा है
अब मामले की जांच डीएसपी मुख्यालय मुकेश कुमार कर रहे हैं। आरोपी विकाश शर्मा को आज कोर्ट में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। इस दौरान आरोपी से गहनता से पूछताछ की जाएगी व मामले का खुलासा किया जाएगा।एसई दीपक ने 17 दिसंबर को दी शिकायत में बताया था कि युवकों ने घूस नहीं देने पर वीडियो जारी कर रिटायरमेंट खराब करने की धमकी दे रहे हैं। इस पर पुलिस ने 27 दिसंबर को कैथल से साहिल और शुभम उर्फ सनी को गिरफ्तार किया था।
युवकों ने खुलासा किया कि वे जिस पैसे की मांग कर रहे थे, वे घूस के ही हैं। एसई और पीए विकास कार्यों के ना
म पर कमीशन लेते थे। वे दोनों इसी ऑफिस में काम करते थे, लेकिन उन्हें हिस्सा नहीं मिलता था। इसलिए उन्होंने केबिन में सीसीटीवी लगाकर ढाई महीने की काफी वीडियो रिकॉर्डिंग बनाई।
पुलिस ने कार्रवाई के लिए प्रशासन को पत्र लिखा। इस पर डीसी निशांत यादव ने 29 दिसंबर को जांच के लिए मामला एडीसी को सौंप दिया। इस दौरान एसई को सस्पेंड और पीए विकास को बर्खास्त कर दिया था। जांच में पता चला कि वीडियो सही हैं, इनसे छेड़छाड़ नहीं की गई है।
यहां लगते हैं आरोप
नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा 150 करोड़ कार्यों में खर्च होते हैं। विभागों पर कमीशन खोरी के आरोप लगते रहे है। ठेकेदारों के बिल पास करने और टेंडर के कार्यों को लेकर रिश्वत लेने की शिकायत है।