डेंटल सर्जन और एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा में हुए फर्जीवाडे़ के आरोपी अनिल नागर ने जमानत के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व उप सचिव (एचसीएस) अनिल नागर की गत माह पंचकूला सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
याचिका में नागर ने कहा कि इस मामले में सह आरोपियों से उसका संबंध साबित करने में पुलिस नाकाम रही है। इस फर्जीवाड़े से उसका कोई लेना-देना नहीं है और पुलिस उसे फंसा रही है। मामले में जांच पूरी हो चुकी है और पुलिस चालान पेश कर चुकी है। इन सब के बाद अब याची को हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं बचता है। याची ने बताया कि उसकी पत्नी का केवल एक फेफड़ा काम कर रहा है और जल्द ही उसकी मेजर सर्जरी होनी है। ऐसे में याची को जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए।
यह है मामला
राज्य सतर्कता ब्यूरो ने 19 नवंबर को हरियाणा लोक सेवा आयोग के उप सचिव अनिल नागर व अन्य को गिरफ्तार किया था। याचिकाकर्ता पर आरोप था कि डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के आवेदकों के अंकों में याची ने हेरफेर किया था। 17 नवंबर को इस मामले में औपचारिक एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद कई ठिकानों पर छापा मारा गया।
इस दौरान नवीन कुमार को 20 लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। इसके बाद अश्वनी शर्मा को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद जब उसके घर की तलाशी ली गई तो 1 करोड़ 7 लाख 97 हजार रुपये की नकदी विजिलेंस के हाथ लगी। आगे की जांच के बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने एचसीएस अनिल नागर को गिरफ्तार किया था।