कैथल. मुख्यमंत्री मनोहर लाल अंत्योदय उत्थान योजना को लेकर कितने गंभीर हैं, इस बात का उदाहरण रविवार को कलायत के वीरेंद्र सिंह के लोन के आवेदन को लेकर सामने आया. मामले में स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फोन करके वीरेंद्र सिंह से पूछा कि आखिर वे इस योजना के तहत आवेदन करने के बावजूद लोन क्यों नहीं लेना चाहते? इस पर जब आवेदनकर्ता वीरेंद्र सिंह ने कोटेशन के साथ दुकानदार द्वारा दस प्रतिशत की राशि देने में असमर्थता जताई तो मुख्यमंत्री ने एसपी कैथल को फोन करके जांच के आदेश दिए.
जांच में सामने आया कि दुकानदार ने बिल पर जीएसटी की बात कही थी. अब वीरेंद्र सिंह को एक लाख रुपये के लोन का रास्ता साफ हो गया है जिसको लेकर अब पूरी बात साफ हो गई है और वो खुश है कि मुख्यमंत्री ने खुद इस मामले पर संज्ञान लिया.
गौरतलब है मार्च माह में जिले के हर ब्लॉक में अंत्योदय उत्थान योजना के तहत मेलों का आयोजन किया गया, जिसमें कलायत निवासी वीरेंद्र सिंह ने सैलून के लिए एक लाख रुपये के लोन का आवेदन दिया था. इस आवेदन के बाद उसकी अर्जी अधिकारियों से पास होते हुए बड़सीकरी के ग्रामीण बैंक में पहुंचीं. बैंक अधिकारियों ने उसे तीन कोटेशन लाने को कहा. वीरेंद्र सिंह इसके लिए कैथल आया, जहां दुकानदार ने उससे दस प्रतिशत की राशि देने को कहा. एक लाख रुपये के लिए दस हजार रुपये की राशि की बात सामने आने पर वीरेंद्र सिंह ने लोन लेने का विचार त्याग दिया. जब उसका नाम लोन न लेने वालों की सूची में आया तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं उसे फोन किया.
उसे रविवार सुबह फोन करके आवेदन के बावजूद लोन न लेने का कारण पूछा और जानना चाहा कि लोन देने में कोई प्रशासनिक लापरवाही तो नहीं है. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने फोन पर जब पूछा तो उसने कोटेशन के लिए दस प्रतिशत की सारी बात बता दी. इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एसपी कैथल को फोन किया. एसपी के फोन आने पर वह भी कैथल पहुंचा, जहां दुकानदार को भी बुलाया गया. दुकानदार ने बताया कि उसने टैक्स की बात कही थी. इसके बाद एसपी ने दुकानदार को बिना दस प्रतिशत राशि के कोटेशन देने को कहा. वीरेंद्र ने कहा कि अब उम्मीद है कि उसे एक लाख रुपये का यह लोन मिल जाएगा.
एसपी मकसूद अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने फोन करके वीरेंद्र सिंह को लोन मिलने में आ रही परेशानी की जांच के लिए आदेश दिए हैं. मामले में दुकानदार को चेतावनी दे दी गई है कि इस तरह से किसी कोटेशन पर पैसे न मांगें. साथ ही जिले के सभी दुकानदारों से अपील है कि वे मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना में पात्रों को बेवजह परेशान न करें. अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.