कोरोना महामारी के चलते 2 वर्ष से अधिक समय तक वर्चुअल सुनवाई करने के बाद अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पूरी तरह से फिजिकल सुनवाई करने जा रहा है। 28 मार्च से हाईकोर्ट में सभी केसों की फिजिकल सुनवाई होगी। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कोरोना केसों में आई गिरावट के बाद चीफ जस्टिस रवि शंकर झा ने यह आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि 28 मार्च से किसी भी केस को वर्चुअल सुनवाई के जरिए नहीं सुना जाएगा। ऐसी कोई प्रार्थना भी हाईकोर्ट स्वीकार नहीं करेगा। इसके साथ ही ‘ऑनलाइन मेंशनिंग’ वाला पोर्टल भी हाईकोर्ट ने 28 मार्च से बंद रखने का फैसला किया है। कोरोना महामारी आने से पहले की तरह ही हाईकोर्ट की सुनवाई चलेगी।
मास्क के बिना एंट्री नहीं मिलेगी
हाईकोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि किसी भी मामले में याची कोर्ट के आदेशों के बिना पेश नहीं होगा। उसका वकील पेश होगा। इनके अलावा कोर्ट स्टाफ, वकीलों आदि सभी के लिए फेस मास्क अनिवार्य किया गया है।
2 साल पहले शुरू की थी वर्चुअल सुनवाई
हाईकोर्ट ने मार्च 2020 में सुनवाई वर्चुअली कर दी थी। इसके अंतर्गत सरकारी पक्ष, याची पक्ष समेत जज विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केस को सुनते थे। हालांकि कोरोना केसों में आई कमी के कारण 8 फरवरी 2021 में सीमित फिजिकल सुनवाई के आदेश दिए गए थे। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर में हाईकोर्ट जजों , ज्यूडिशियल अफसरों, अधीनस्थ कोर्ट स्टाफ आदि के कोरोना की चपेट में आ गई थी। ऐसे में उन आदेशों को रद्द कर दिया गया था। पिछले वर्ष 19 अप्रैल से हाईकोर्ट ने केसों की सीमित सुनवाई शुरू कर दी थी।
कोरोना केस घटने-बढ़ने के साथ आदेशों में बदलाव
इसके बाद कोरोना में तेजी के बाद पिछले वर्ष ही 28 अप्रैल 2021 से हाईकोर्ट में केसों की सीमित सुनवाई की प्रक्रिया में और सख्ती कर दी थी। 28 जुलाई से सभी बेंचों को वर्चुअली केसों की सुनवाई के आदेश दिए गए थे। 6 सितंबर से हाईकोर्ट ने आंशिक रुप से फिजिकल सुनवाई शुरू कर दी थी।
तीसरी लहर के आने से पहले तक फिजिकल सुनवाई करने वाली बेंच बढ़ा दी गई थी। हालांकि फिर से केस बढ़ने लगे और आदेशों में बदलाव किया गया। मौजूदा समय में फिजिकल और वर्चुअली दोनों ही तरीकों से केसों की सुनवाई की जा रही है। 28 मार्च से वर्चुअल सुनवाई पूरी तरह बंद हो जाएगी।