हरियाणा के सिरसा में भी अब भगवान जगन्नाथ के रथ के पहियों के दर्शन होंगे। ओडिसा के राज्यपाल एवं सिरसा निवासी प्रो. गणेशी लाल के प्रयासों से यहां रथ के दो पहियों को लाया गया है। 10 अप्रैल को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और प्रो. गणेशीलाल रॉयल हवेली में इनका अनावरण करेंगे। प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
सिरसा के लोगों के लिए यह खबर बेहद अहम है। सिरसा वासियों ने भले ही भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा न देखी हो और न ही कभी जगन्नाथ पुरी गए हों, लेकिन अब उन्हें सिरसा में ही जगन्नाथ जी के रथ के पहियों के दर्शन हो सकेंगे। यह संभव हुआ है मूल रूप से सिरसा के रहने वाले ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल के प्रयासों से। प्रो. गणेशी लाल ने जगन्नाथपुरी से भगवान जगन्नाथ के रथ के दो पहियों को विशेष तौर पर मंगवाया है और उन्हें नेशनल हाई वे पर ओएचएम के सामने स्थित रायल हवेली होटल में स्थापित करवाया है।
राज्यपाल करेंगे अनावरण
रायल हवेली में स्थापित भगवान जगन्नाथ के रथ के दो पहियों को बड़े ही सुंदर तरीके से स्थापित किया गया है। करीब छह फीट ऊंचाई के इन पहियों को विशेष स्टेज बनाकर तथा शीशे के जड़ा गया है। रात के समय रंग बिरंगी लाइटों में इनका रूप और भी मनोहारी होगा। इन पावन पहियों का अनावरण हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल आगामी 10 अप्रैल को करेंगे।
भगवान जगन्नाथ की यात्रा का है विशेष महत्व
भगवान जगन्नाथ की यात्रा के महत्व का वर्णन पुराणों में भी है। रथयात्रा के दर्शन के लिए देश विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। विशेष लकड़ी से बनाए गए रथ में कहीं भी कील अथवा अन्य उपकरण का प्रयोग नहीं होता। रथयात्रा में तीन रथ होते हैं। प्रथम रथ पर बलराम, दूसरे पर सुभद्रा और तीसरे पर भगवान जगन्नाथ जी स्वयं विराजमान होते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ में 16, बलराम जी के रथ में 14 जबकि सुभद्रा के रथ में 12 पहिये होते हैं। इन रथों को श्रद्धालु स्वयं हाथों से खिंचते हैं।