झज्जर के एक शख्स ने न तो कभी कार चलाई और न ही कभी कोई कार खरीदी। फिर भी रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी में उसके नाम 7 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन पाया गया और उसे जानकारी तक नहीं है। इसका पता उस समय चला जब व्हाट्सएप के जरिए उसके नाम रजिस्टर्ड RC की फोटो कॉपी भेजी गई। उसने रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी में जाकर पता किया तो वह भी हैरान रह गया। झज्जर सिटी पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया।
झज्जर शहर के बेरी गेट वार्ड नंबर-1 शिव कॉलोनी निवासी हरेंद्र कुमार टायर विक्रेता हैं, यहीं उनकी छोटी सी दुकान है। उनके पास अपनी बाइक और स्कूटी है। कुछ दिन पहले उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए वाहन की RC की कॉपी भेजी गई। उसने RC को चेक किया तो वह उनके नाम पर दर्शाई गई स्विफ्ट डिजायर गाड़ी की RC थी। हरेंद्र ने बताया कि दो दिन बाद कुछ लोग उनके घर तक आ पहुंचे और बताया कि वह लुधियाना से आए हैं। आपके नाम एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी है, जिसे उन्होंने 4-5 साल पहले खरीदा था। अब उन्हें यह गाड़ी अपने नाम करानी है। हरेंद्र ने उनसे नाम और पूरा पता पूछा।
साथ ही बताया कि उन्होंने ना कभी कोई कार खरीदी है और ना ही उनके नाम पर पहले कभी कोई कार रजिस्टर्ड है। घर पहुंचने वाले लोगों ने कहा कि उन्हें बस कागजात जैसे आधार कार्ड और एक अन्य आईडी देनी होगी। वह कार को अपने नाम खुद करा लेंगे, लेकिन हरेंद्र ने मना कर दिया। उसके बाद हरेंद्र झज्जर स्थित रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी ऑफिस पहुंचा और उक्त गाड़ी से संबंधित जानकारी निकलवाई तो पता चला कि 7 अन्य गाड़ियां भी उसके नाम पर दर्ज हैं।
उसने इन सभी गाड़ियों के नंबर नोट किए और फिर पुलिस को शिकायत दी। हरेंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उनके साथ यह फ्रॉड हुआ है। उनकी आईडी का इस तरह गाड़ियों को खरीदने-बेचने वाले गिरोह ने गलत प्रयोग कर धोखाधड़ी की है। सिटी पुलिस ने हरेंद्र की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही जिस नंबर से व्हाट्सएप के जरिए आरसी भेजी थी उसकी भी जांच शुरु कर दी है।