पांव में फ्रैक्चर के बाद खेलने में हुई नाकाम तो मोबाइल की पड़ गई थी लत
कैथल. जब जिंदगी में निराशा हाथ लगती है तो इंसान टूट जाता है और किसी न किसी चीज की लत का आदि हो जाता है तो ऐसा ही कुछ हुआ हिसार की रहने वाली शीलू के साथ जो बॉक्सिंग खेलती थी और स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में जिसने गोल्ड मैडल हासिल किया था। फिर शीलू के पाँव में इन्जरी हुई तो गेम छोड़ना पड़ा और निराशा हाथ लगी। निराश होने के बाद शीलू ने घर पर रहना शुरू कर दिया और घर रहते रहते उनकी आदतें बिगड़ी और मोबाइल की लत का शुइकार हो गई। रात के 2-3 बजे तक मोबाइल देखती और उसके बाद सुबह 11-12 बजे उठती जो उसका रोज का रूटीन बनता गया और वो इस बुरी लत का शिकार हो गई। घर वाले भी बहुत कहते जिसकी वजह से शीलू को बुरा भी लगता लेकिन एक दिन मोबाइल की लत को अलविदा कहने के लिए सोशल मीडिया के ज्ञान से जो प्राप्त किया था उसी से हर्बल ग्रीन जूस का काम शुरू करने की सोची।
इस विषय में घरवालों से बात की और उन्होंने कहा की तू नहीं कर सकती क्योंकि तू उठती है 12 बजे और उसके लिए सुबह 4 बजे उठना पड़ेगा। शीलू ने अपने मामा को कहा और उसने ये काम शुरु करवाया। शीलू अब कैथल में एक पार्क के सामने हर्बल ग्रीन जूस का स्टॉल चलाती है जिससे उसकी मोबाइल की लत तो छूट ही गई है साथ में लोगों के लिए मिसाल भी बन गई है। लोगों को हर्बल ग्रीन जूस पिलाती है जिससे लोग दुआएं देते हैं।
मोबाइल की लत को कहा अलविदा
शीलू सुबह 4 बजे उठती है और लोगों के हेल्दी जूस के लिए फ्रूट व जड़ी बूटियां लाती हैं व सुबह पांच बजे से लेकर ९ बजे तक स्टॉल चलाती हैं। शीलू ने मोबाइल की लत को तो अलविदा कह ही दिया है और साथ में जो इंजरी की वजह से बॉक्सिंग में मिली नाकामी से मिली निराशा से भी दूर जा चुकी है। अब बीमार लोगों को हेल्दी जूस पिलाकर उनकी दुआएं ले रही है और जीएवं में जो संतुष्टि उन्हें चाहिए थी वो इस काम से मिल रही है।
हर्बल ग्रीन जूस से मिला लोगो को बीमारियों में आराम
जब लोगों से इस विषय में बात की तो उन्होंने कहा की ये लड़की ओरों के लिए मिसाल है व हेल्दी जूस का अच्छा ज्ञान इसको है जिससे बहुत लोगों को इसके जूस से बीमारियों में आराम मिला है। स्टॉल पर कई डॉक्टर भी पहुंचे थे जिन्होंने बताया की नेचर के साथ जुड़ने से निश्चित तौर पर फायदा मिलता है। महंगी दवाइयों से इस लड़की के जूस ने छुटकारा दिलाया है।
अगर इंसान बुरी लत को छोकर कुछ अच्छा करना चाहे तो वो कर सकता है ऐसा ही कुछ शीलू ने किया और बॉक्सिंग के गेम में असफलता मिलने के बाद निराशा छोड़कर लोगों को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने की और कदम बढाए।