पूर्व विधायक उदयभान हरियाणा का नया प्रदेशाध्यक्ष बनाने के साथ कांग्रेस ने 4 कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं। यह फॉर्मूला कांग्रेस पंजाब और हिमाचल में लागू कर चुकी है। अब हरियाणा में भी चुनाव से पहले यह दांव खेल दिया है, जो कितना कारगर साबित होगा, समय ही बताएगा।
पार्टी हाईकमान ने हरियाणा में 5 अलग-अलग जातियों दलित वर्ग, जाट, गुर्जर, ब्राह्मण और अग्रवाल समाज को एकजुट किया है। पूर्व कांग्रेस सांसद श्रुति चौधरी जाट समाज से, रामकिशन गुर्जर समाज और पिछडा वर्ग से, जितेंद्र भारद्वाज ब्राह्मण और सुरेश गुप्ता अग्रवाल समाज से हैं।
कांग्रेस ने हरियाणा में इन जातियों के वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए फेरबदल किए हैं। पार्टी दलित और पिछड़ा वोट बैंक में अपनी पैठ कायम करना चाहती है। जाट समाज को साथ लेकर चलना चाहती है। वहीं अंदरुनी खींचतान को खत्म करके सभी गुटों को साथ लेकर चलने का इरादा है।
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस इस समय हुडा गुट, कुलदीप बिश्नोई, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और सैलजा गुट में बंटी हुई है। हालांकि सभी को साथ लेकर चलने का यह फॉर्मूला कितना काम आएगा, यह आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन कांग्रेस का मिशन जीतना है, चाहे कुछ करना पड़े।
दो राज्यों में लागू कर चुकी फॉर्मूला
कांग्रेस ने पंजाब और हिमाचल में भी 4 कार्यकारी अध्यक्ष वाला फॉमूर्ला लागू किया था। हालांकि पंजाब में फॉर्मूला फेल हो गया। विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार हुई और खुद दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी दोनों सीटों से हार गए। लेकिन हिमाचल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और हरियाणा में अभी विधानसभा चुनाव में ढाई साल शेष है।
9 अप्रैल को कुमारी सैलजा ने दिया था इस्तीफा
कुमारी सैलजा ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से 9 अप्रैल को इस्तीफा सोनिया गांधी को सौंप दिया था, परंतु उस समय कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल ने इससे इंकार किया था। कुमारी सैलजा ने संगठन न खड़ा करने और हुड्डा गुट के विधायकों के मीटिंग में न आने पर ऐतराज जताया था। हालांकि कुमारी सैलजा पार्टी में गुटबाजी की संभावनाओं से इंकार करती आ रही थीं, लेकिन सच तो सभी जानते हैं।