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कैथल में बाल भवन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा राज्य सचिव रंजीता मेहता ने की शिरकत

कैथल ।  डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेल, कला, सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि क्रिया कलापों में भागीदारी जरूरी है। बच्चों के सोच का दायरा खुलने से और हर क्षेत्र में भागीदारी से भविष्य में निश्चित तौर पर कामयाबी मिलेगी। वर्तमान परिवेश में सिलाई, ब्यूटिशियन आदि  क्षेत्र में गुणवत्ता-परक प्रशिक्षण हासिल करके महिलाएं सशक्त बनकर आत्म निर्भर बनें। बाल भवन द्वारा विभिन्न गतिविधियां आयोजित करके बच्चों को आगे बढऩे के लिए मंच प्रदान करने का कार्य कर रहा है, जोकि प्रशंसनीय है। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल बाल भवन में अभिरूचि कक्षाओं के शुभारंभ समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव रंजीता मेहता ने की। इस मौके पर डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल तथा मानद सचिव रंजीता मेहता ने बाल भवन परिसर में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधा रोपण किया।


डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि बच्चों के विकास के लिए कलात्मक मंच बाल भवन द्वारा दिया जा रहा है। समूचे वर्ष कोई न कोई एक्टिविटी करवाई जाती है। आज के समय में बच्चेे जहां शिक्षा के क्षेत्र में मुकाम हासिल कर रहे हैं, वहीं सांस्कृतिक विधाओं में भी आगे बढ़ रहे हैं। अभिरूचि कक्षाओं में बच्चे अपनी रूचि के अनुसार ज्ञान अर्जित करेंगे, जोकि भविष्य में उनके काम आएगा। केंद्र में महिलाएं सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटिशियन आदि का प्रशिक्षण लेकर दूसरों पर निर्भर नहीं होगी, वह पैसे लेने नहीं बल्कि देने की अवस्था में पहुंचेंगे। आज के समय में महिलाओं का कौशल होना बहुत जरूरी है। कौशल होकर महिलाएं कार्य कर सकती हैं और आय का साधन भी बना सकती है। उन्होंने कहा कि जिला बाल कल्याण भवन के विकास के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव मदद की जाएगी, ताकि बच्चों को और भी अधिक सुविधा मिल सके।

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव रंजीता मेहता ने कहा कि हरियाणा बाल कल्याण परिषद बच्चों के हुनर में नई उड़ान जोडऩे का कार्य कर रहा है। सांस्कृतिक मंचों के माध्यम से बच्चों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है और उनके आत्म विश्वास में वृद्धि होती है। बाल भवन का जो मकसद है, उस दिशा में कार्य करते हुए बच्चों को और भी अधिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। बाल भवन में सिलाई, ब्यूटिशियन, कम्पयूटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जोकि अच्छा कदम है। डे केयर सैंटर में बच्चों की देखभाल के साथ-साथ उन्हें ज्ञान भी दिया जा रहा है। कई एक्टिविटी करवाकर बच्चों का आधार मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त समय-समय पर बाल भवन का निरीक्षण करेंगी तो निश्चित तौर पर एक ऊर्जा का संचार होगा और आगे बढऩे की प्रेरणा भी यहां बाल भवन को मिलेगी और कार्य प्रणाली में सुधार होगा।

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव रंजीता मेहता ने बाल भवन में चलाई जा रही क्रिया-कलापों की फीडबैक लेते हुए बच्चों, लड़कियों व महिलाओं से संवाद किया। सिलाई-कटाई का प्रशिक्षण लेने वाली लड़कियों व महिलाओं से कहा कि वे आज के समय के अनुसार प्रशिक्षण लें।

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