कैथल, 5 जून( ) आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा हुडा सैक्टर-19 के पार्क में पौधा रोपण किया गया। वन राजिक अधिकारी बलजीत सिंह ने बताया कि पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण, जिसमें परि का मतलब है हमारे आस – पास था हमारे चारों ओर व आवरण का मतलब है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। सर्वप्रथम 5 जून 1973 पर्यावरण दिवस मनाया गया। पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, जीव-जंतु, पेड़ पौधे इत्यादि शामिल है, जबकि पर्यावरण के अजैविक संघटक पर्वत, चटानें, नदी हवा और जलवायु शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है । मानव की अच्छी-बुरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छता रखना भी प्रर्यावरण को प्रभावित करती है । मानव की बूरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्याधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बूरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है। पृथ्वी की सुंदरता को बनाये रखने के लिए हर व्यक्ति को योगदान के बारे में जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रत्येक व्यक्ति को एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इस मौके पर वन विभाग की ओर से प्यारे लाल, प्रवीन कुमार, कलम सिंह व रणबीर सिंह आदि शामिल रहे।