चरखी दादरी. आज इस सीट पर बैठकर मुझे बेहद खुशी हो रही है. मैं भी आगे पढ़-लिखकर और खेलों में अपना शौर्य दिखाते हुए बड़ा बैडमिंटन खिलाड़ी बनकर एक दिन इसी पद पर आसीन होना पसंद करूंगा. यह कहना है एक दिन के लिए शैडो सीटीएम बना चरखी दादरी निवासी 12 वर्षीय बैडमिंटन खिलाड़ी व सातवीं कक्षा का छात्र मनीष
वह आज सरकारी वाहन से अपने नए ऑफिस में पहुंचा और सीटीएम की सीट पर बैठते ही मनीष ने अपना कार्यभार संभाल लिया. उन्होंने नगराधीश नरेंद्र कुमार से बातचीत कर प्रशासनिक कार्यालयों की रूपरेखा को जाना.
डीसी श्यामलाल पूनिया की अलहदा कार्यशैली के कारण दादरी के लघु सचिवालय में यह देखने को मिला. डीसी द्वारा लिए निर्णय अनुसार जिला के प्रमुख सरकारी पदों पर एक दिन बच्चों को काम करने का मौका दिया गया. नगराधीश के पद पर दादरी के मनीष ने काम किया.
अधिकारी के तौर पर मनीष ने शालीनता और शांत स्वभाव से कार्य को समझा. इनके व्यवहार से अधिकारी व कर्मचारी भी प्रसन्न दिखाई दिए. मनीष ने बताया कि वह जिला स्तरीय बैडमिंटन अंडर 13 में विजेता रहा है और उसे सीटीएम बनने का मौका मिला तो बहुत खुशी हुई है.
मनीष ने बताया कि वह भविष्य में बैडमिंटन का बड़ा खिलाड़ी बनकर एक दिन इसी पद पर आसीन होने का सपना मन में संजोय है. सीटीएम नरेंद्र कुमार ने बताया कि डीसी के निर्देशानुसार खिलाड़िय़ों के सम्मान में उच्च पदों पर शैडो अधिकारी बनाया गया है. ताकि ये भी अधिकारियों की शैली को समझें और भविष्य में प्रेरणा लेते हुए अधिकारी बन सकें.
उन्होंने बताया कि बच्चों को जीवन में किसी सफल मुकाम पर पहुंचने की प्रेरणा देने के लिए उनको यह अवसर प्रदान किया गया था. शैडो सीटीएम बने मनीष ने दिनभर अधिकारी के पद पर बैठकर कार्यशैली समझी और प्रेरणा लेते हुए अधिकारी के पद तक पहुंचने का संकल्प लिया है.