अतिथि अध्यापकों को नियमित करने व दूसरे जिलों में तबादला किए गए अध्यापकों को गृह जिले में समायोजित करने की मांग को लेकर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों को ज्ञापन सौंपा। इसी कड़ी में कलायत में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा व कैथल में विधायक लीलाराम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान मास्टर सुभाष चंद और जिला प्रधान रोहताश चहल ने प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की। दोनों ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही पहली कलम से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे सभी 15 हजार अतिथि अध्यापकों को नियमित करने का वायदा किया था, लेकिन नौ वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी तक वायदा पूरा नहीं किया। इसके कारण रोष व्याप्त है।
जिला कैथल के महासचिव रमेश बरटा, कैथल जिला के पूर्व प्रधान विकास राविश, कलायत ब्लाक के वर्तमान प्रधान महावीर जागलान, पूर्व ब्लाक प्रधान संदीप बालू, नरेंद्र भटू खेडी लाम्बा, महावीर बालू, कृष्ण क्योडक, संजीव कयोडक, सुशील हंसपुरा, सतबीर, सतीश कलैरम, मौजूद रहे।
गुहला-चीका में हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले रविवार को अतिथि अध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। बाद में विधायक ईश्वर सिंह के निवास पहुंचकर अतिथि अध्यापकों ने विधायक की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार सुनील कुमार को ज्ञापन सौंपा।
अतिथि अध्यापक संघ हल्का गुहला प्रधान सुरेश गुप्ता ने पूरे प्रदेश में 14 हजार से ज्यादा अतिथि अध्यापक हैं। वे सेवाएं दे रहे हैं, पर उन्हें पक्का नहीं किया गया। न ही वेतन के रूप में महंगाई भत्ता बढ़ाया। उन्हें ईपीएफ मेडिकल जैसी सुविधा भी नहीं मिल रही है।
उन्होंने बताया कि 2014 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले जंतर-मंतर पर आंदोलन कर रहे अतिथि अध्यापकों के बीच जाकर भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष प्रो. रामबिलास शर्मा ने लिखित में आश्वासन दिया था कि पर नतीजा सिफर है।
नायब तहसीलदार सुनील कुमार ने उनका ज्ञापन लिया और आश्वासन दिया कि उनकी आवाज को विधायक के माध्यम से सरकार तक पहुंचाया जाएगा। इस मौके पर पर राज्य कार्यकारिणी में ऑडिटर महेंद्र सीड़ा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य गुलशन चुघ, महेंद्र पुरी, जय भगवान शर्मा आदि मौजूद रहे।