कैथल। जिले में सभी छह राजीव गांधी खेल स्टेडियम की हालत बदहाल है। ये सभी स्टेडियम करोड़ों रुपये की लागत से बनाए थे, लेकिन उनकी देखभाल के बिना यह जर्जर हो चुके हैं। क्योड़क गांव में बना राजीव गांधी खेल स्टेडियम तो इतना बदहाल है कि यहां पर बड़ी-बड़ी घास उग आई है। इनमें कई जहरीले जीव घूमते दिख जाते हैं। आरोप लगाया खिलाड़ियों के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है।
क्योड़क गांव के युवाओं ने प्रशासन व सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्योड़क गांव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोद लिया है। लेकिन इसके बावजूद उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। हर वर्ष खेल मैदान के लिए लाखों रुपये की ग्रांट भी आती है, लेकिन वो कहां जाती है इसका कुछ पता नहीं। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव में खेल मैदान में इतनी अव्यवस्थाएं हैं तो अन्य खेल मैदानों का भी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह खेल भवन करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया था लेकिन बिना देखरेख से यह जर्जर हो गया है। यहां पर खिलाड़ियों के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। पानी की व्यवस्था की खिलाड़ियों ने स्वयं पैसे एकत्रित करके की है।
गांव के युवा खिलाड़ी रिहान ने कहा कि खेल मैदान में किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। उनके पास न तो नेट है न बॉल है। पूरे खेल मैदान पर बजरी बिखरी हुई है। खेल मैदान के गेट ताला भी टूटा हुआ है। यहां पर देखरेख के लिए न कोई चौकीदार है और न ही कोई ग्राउंड मैन है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो खिलाड़ी आगे कैसे बढ़ पाएंगे।
खिलाड़ी सेठपाल ने कहा कि काफी समय से यहां पर समस्या बनी हुई है। भवन भी जर्जर हो चुका है। खिलाड़ियों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। पीने के पानी का प्रबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि एक माह तक यहां पर सभी व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो उसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।