नगर के तालाबों में इस समय गंदगी और जलकुंभी का वास है। यह तालाब कभी सीवन की शान हुआ करते थे, यह किसी समय में साफ जल से लबालब भरे रहते थे, लेकिन अब गंदगी का कटोरा बन कर रह गए हैं। पॉलिथीन की गंदगी तालाबों की सतह पर बैठ गई है और भूमिगत जल रिचार्ज बंद हो गया। यहां पर लगातार डाले गए कूड़े के कारण इन तालाबों में गंदगी है।
नगर में चार तालाब हैं। इनमें जलकुंभी ने तालाबों पर अपना कब्जा जमा लिया है। ग्राम पंचायत कई बार इन तालाबों से जलकुंभी निकलवा चुकी है लेकिन यह हर बार फिर तालाबों पर अपना कब्जा कर लेती है। कई पशु पानी की लालच में जल कुंभी में उलझ कर अपनी जान खो चुके है। कई जानवरों को लोगों के द्वारा निकाला भी गया है। अब तालाबों से दुर्गंध आती है। यह तालाब अब मच्छर मक्खी व विषैले कीटों का बसेरा बन चुके है। गर्मी का मौसम है और ऐसे में मक्खी मच्छरों के कारण बीमारी तक फैलने का खतरा बना रहता है।
हल्की सी बरसात में ये तालाब ओवर फलो हो जाते है व निचली बस्तियों में इनका पानी भर जाता है। अधिकतर तालाबों में अवैध कब्जे हो रहे हैं व तालाब संकरे होते जा रहे हैं। नगर निवासियों की मांग है कि इन तालाबों की सफाई करवाई जाए और इसमें से जलकुंभी को खत्म करवाया जाए ताकि किसी प्रकार की बीमारी न फैल सके।