कैथल । शहर के पुराना अस्पताल परिसर में 100 बेड के जच्चा-बच्चा अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। निर्माण कार्य प्रक्रिया के तहत अब इस अस्पताल का नक्शा तैयार हो रहा है। नक्शा बनने के बाद पुराना अस्पताल परिसर में बने शहरी स्वास्थ्य केंद्र के जर्जर भवन गिराने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस जर्जर भवन के गिरने के बाद ही आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
सरकार ने अस्पताल निर्माण के लिए छह करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। यह बजट स्वास्थ्य विभाग को जारी भी किया जा चुका है। कुछ दिन पहले ही निर्माण के लिए अस्पताल निर्माण के लिए स्वास्थ्य विभाग व लोक निर्माण विभाग की टीम ने निर्माण वाली जगह का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के बाद रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय में भेजी गई थी। इसके बाद ही नक्शा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह 100 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल एक एकड़ में बनाया जाना है। इसके निर्माण के बाद जिला सहित शहर व आस-पास के गांव के लोगों को सहूलियत मिलेगी।
छोटे बच्चों को हो पाएगा बेहतर इलाज
जच्चा-बच्चा केंद्र अस्पताल के निर्माण के बाद यहां पर अलग से एक निक्कू बनाया जाएगा। इसमें रोहतक व चंडीगढ़ पीजीआई की तरह सुविधाएं मिलेंगी। यहां पर अलग से बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति भी होगी। इसके बाद लोगों बच्चों के उपचार के लिए निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। दूसरा रोहतक या चंडीगढ़ पीजीआई जाने की भी कोई जरूरत नहीं होगी। यहां नवजात बच्चों व गर्भवती महिलाओं की जांच व डिलीवरी हो सकेगी। इसके बनने से शहर वासियों को घर के समीप ही एक सरकारी अच्छे अस्पताल में इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
बेडों की संख्या बढ़कर हो जाएगी 400
कैथल शहर में 200 बेड का अस्पताल हैं। इसके साथ ही कोरोना महामारी के समय में यहां पर 100 बेड का पोर्टेबल अस्पताल भी बनाया गया था। जबकि पुराना अस्पताल में परिसर में शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है। इस समय इसका भवन जर्जर हो चुका है। इस भवन में स्वास्थ्य विभाग का वेयर हाउस, शहरी स्वास्थ्य केंद्र व प्रसूति केंद्र चल रहा है। यहां पर इस समय सिविल सर्जन कार्यालय बनाया गया है। 100 बेड के जच्चा-बच्चा अस्पताल बनने के बाद यहां कुल 400 बेड के अस्पताल हो जाएंगे। यही नहीं इस अस्पताल के साथ-साथ यहां सिविल व डिप्टी सिविल सर्जन कार्यालय व क्वार्टर, आठ डिप्टी सिविल सर्जन के क्वार्टर भी बनाए जाएंगे।
जिला मुख्यालय से मिल चुकी है अनुमति
स्वास्थ्य विभाग के भवन निर्माण के जिला नोडल अधिकारी व डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. विकास धवन ने बताया कि 100 बेड के जच्चा-बच्चा अस्पताल के लिए सरकार ने छह करोड़ रुपये का बजट दिया था। बजट के आने के बाद अब नक्शा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नक्शा बनने के बाद जर्जर भवन को गिराने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसको लेकर मुख्यालय से अनुमति मिल चुकी है।