हरियाणा में रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा कस्बा में राजस्थान के भिवाड़ी से छोड़ने जाने वाले केमिकल युक्त पानी को लेकर पॉल्यूशन बोर्ड ने FIR दर्ज करा दी। सेक्टर-6 थाना में दर्ज कराई FIR में राजस्थान के किसी अधिकारी या डिपार्टमेंट का नाम नहीं है। जिला प्रशासन की तरफ से इसको लेकर चेतावनी दी जा रही थी, लेकिन पानी लगातार छोड़ा जा रहा था। जिसकी वजह से धारूहेड़ा में हालात बद से बदतर हो गए थे।
पहले पढ़िए FIR में क्या लिखा
हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी रेवाड़ी की तरफ से दर्ज कराई गई FIR में लिखा कि भिवाड़ी (राजस्थान) से धारूहेड़ा (हरियाणा) तक गंदे पानी का निरंतर निर्वहन हो रहा है, जिससे धारूहेड़ा में जल प्रदूषण और सार्वजनिक असुविधा हो रही है। भिवाड़ी (राजस्थान) से धारूहेड़ा (हरियाणा) में आने वाले प्रदूषित पानी के संयुक्त नमूने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भिवाड़ी (राजस्थान) के अधिकारी/कर्मचारी के साथ लिए जा रहे हैं।
निर्धारित सीमा से अधिक प्रवाह के पैरामीटर को दर्शाने वाली विश्लेषण रिपोर्ट की कॉपी भी इसके साथ अटैच है। इसे देखते हुए संबंधित के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई किए जाने के लिए निर्देशित किया जाता है।
सैंपल हो चुके फेल
बता दें कि भिवाड़ी से आने वाला दूषित पानी हर साल बरसात के मौसम में धारूहेड़ा इलाके की हालत खराब कर देता है। पिछले 5 सालों से ये समस्या बना हुई है। दोनों स्टेट के अधिकारियों के साथ कई बार बड़े लेवल की मीटिंग भी हो चुकी है। ये गंदा पानी भिवाड़ी की कंपनियों से निकलने वाला केमिकल युक्त होता है, जिसकी वजह से धारूहेड़ा ता भूजल स्तर पर लगातार दूषित हो रहा है।
दोनों राज्यों के अधिकारियों की टीम ने जब इस पानी के सैंपल लिए तो सारे सैंपल फेल हो गए। बार-बार भिवाड़ी प्रशासन को दूषित पानी की रोकथाम को लेकर रेवाड़ी प्रशासन की तरफ से चेताया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
NGT लगा चुकी फटकार
भिवाड़ी और धारूहेड़ा के बीच दूषित पानी को लेकर चल रहा विवाद NGT के पास भी पहुंच चुका है। इस मामले में एनजीटी की तरफ से राजस्थान सरकार को फटकार लगाने के साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश दिए गए थे।
लेकिन राजस्थान की तरफ से गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए आज तक ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया गया है। जिसके चलते ये गंदा पानी साथ लगते धारूहेड़ा के इलाकों में भरने के कारण यहां के लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
जनता का दबाव बढ़ा तो कार्रवाई
दरअसल, ये समस्या तो 5 साल पुरानी है, लेकिन इस बार राजस्थान की तरफ ज्यादा बारिश होने के कारण बहकर आए केमिकल युक्त पानी ने धारूहेड़ा के लोगों के लिए आफत खड़ी कर दी थी। एक सप्ताह पहले धारूहेड़ा में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर वाहनों की रफ्तार थम गई थी। रिहायशी इलाकों में लोगों को घर से निकलना भी मुश्किल हो गया था।
रेवाड़ी प्रशासन ने किसी तरह प्रयास कर पानी तो निकाल दिया, लेकिन भिवाड़ी की तरफ से दूषित पानी आना बंद नहीं है। इसके विरोध में 10 जुलाई को धारूहेड़ा शहर के लोगों ने पूरी मार्केट बंद रखी थी। साथ ही अधिकारियों को राजस्थान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।
इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने भी इस मामले में रेवाड़ी प्रशासन को राजस्थान के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आदेश दिया था। चारों तरफ से बने दबाव के बाद अब रेवाड़ी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से धारूहेड़ा के सेक्टर-6 थाना में पर्यावरण संरक्षण एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज करा दी गई है।