पहाडों पर हुई भारी बारिश और हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ने के कारण करनाल के सैंकडों गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके है .खेतों में कई-कई फीट पानी भर गया है. फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं .सड़कों पर पानी भरने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है. प्रशासन एसडीआरएफ,एनडीआरएफ की मदद से राहत और बचाव कार्यों में लगा हुआ है. लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है. उनके सामान की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं.इसके बावजूद पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है.पानी का बहाव भी काफी तेज है.इससे लोगों चिंताएं बढ़ गई हैं।
करनाल में अब पानी और अधिक गांवों की तरफ बढ़ रहा है .फसलों के साथ पशुओं का चारा पानी में डूब गया है. ऐसे में बेजुबान जानवरों के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है. हथिनी कुंड बैराज से पानी ज्यादा आने कारण ऐसी जगहों पर भी पानी भर गया है जहां किसी ने उम्मीद नहीं की थी. करनाल के घीड़ गांव में मुख्य सड़क पर पानी आ गया है.फसल जलमग्न है.लोग बताते हैं 45 साल का रिकॉर्ड टूटा है।
लोगों को बाढ़ की चिंता सता रही है
1978 में जब बाढ़ आई थी तब इतना पानी सड़कों पर देखा गया था. मुख्य सड़क पर पानी आने से आवाजाही में भी दिक्कत आ रही है. हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है.बर्बादी का मंज़र भयावह होता जा रहा है. ग्रामीणों को चिंता सता रही है कि अगर आगे भी हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा गया तो गांवों में खतरा बढ़ जाएगा.गांवों में पहले से ही पानी है और पानी आने से क्या मंज़र होगा इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है।