हरियाणा में बाढ़ से चौथे दिन भी राहत नहीं मिल पाई। राज्य के अभी भी 11 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें अंबाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पंचकूला, झज्जर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। इन जिलों में 854 गांवों में अभी पानी खड़ा हुआ है।
आज भी 3 जिलों मे पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में चंडीगढ़ मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं सिरसा में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसकी वजह है कि घग्गर में 27500 क्यूसेक पानी पहुंच चुका है। 12 घंटे में नदी में 7 हजार क्यूसेक पानी बढ़ चुका है।
अंबाला के 750 में से 430 स्कूलों व कुरूक्षेत्र में 203 सरकारी स्कूलों में पानी भरा है। इस कारण रविवार तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं। यमुनानगर के स्कूलों में भी गुरुवार को छुट्टी रही। करनाल, पानीपत और कैथल के बाढ़ प्रभावित स्कूलों को फिलहाल बंद रखा गया है। अंबाला में जलभराव की वजह से पशुओं को छत पर बांधा गया है।
भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई
फतेहाबाद के रतिया शहर के पास घग्घर नदी के ऊपर बने पुल से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। यहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुल के आसपास एक दो जगहों पर मिट्टी खिसक गई थी, जिन पर बैग लगाकर ठीक किया गया। इसके साथ कासिमपुर का जाखल और टोहाना से संपर्क टूट गया है।
बाढ़ से अब तक 16 मौतें हो चुकी है
राज्य में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है, 2 लोग घायल हो गए हैं। 4 लोग लापता हैं। 126 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और 106 मकानों को नुकसान पहुंचा है। सरकार की ओर से अंबाला, यमुनानगर, करनाल और पानीपत में सेना बुलाई गई है। प्रभावित जगहों से अब तक 3,674 लोगों को सेना व एनडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित निकाला है।
1.24 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ
हरियाणा में बाढ़ के कारण फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। अब तक के मिले आंकड़ों के अनुसार 1.24 लाख हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा है। राहत की बात यह है कि सरकार की और से अब तक 12 राहत कैंप खोले जा चुके हैं। घरों में फंसे लोगों को अब तक 13 हजार फूड पैकेट्स पहुंचाए जा चुके हैं। वहीं अब तक कई सड़कों और ब्रिज को भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है।
GT रोड बेल्ट के 585 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित
सबसे ज्यादा खराब हालात जीटी बेल्ट के हैं। इस बेल्ट के छह जिलों अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र व पानीपत के करीब 585 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। इन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। कैथल, कुरुक्षेत्र की स्थिति तो पहले से और खराब है। पंजाब के खनौरी में पुल टूटने से कैथल का संगरूर से भी संपर्क टूट गया। अंबाला पटियाला से पहले ही कट चुका है। घग्गर नदी का पानी चीका शहर में भर गया।
पानीपत में यमुना का जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि अभी यह खतरे के निशान के पास है। यमुना का खतरे का निशान 231.50 मीटर है। फिलहाल यमुना 230.80 मीटर पर बह रही है। इसके साथ तामशाबाद कट बंद करने का काम शुरू कर दिया है।