हरियाणा के सिरसा जिले में घग्गर खूब तबाही मचा रही है। नदी का जलस्तर आज सुबह फिर बढ़ गया। रंगोई नाले से घग्गर का पानी ओवर फलो होकर नेशनल हाइवे नंबर नौ की सड़क पर पहुंच गया है। रंगोई नाला हाइवे के नीचे से निकलता है, जिस कारण सड़क पर दरार आ गई। ऐसे में ट्रेफिक वन वे कर दिया गया।
प्रशासन ने हाइवे पर बेरीकेड्स लगा दिए है। घग्गर का पानी नेशनल हाइवे के साथ- साथ चल रहा है। रंगोई नाले को टूटने से बचाने के लिए सिकंदरपुर, वैदवाला और बाजेकां के ग्रामीण दिन रात एक किए हुए थे।
घग्गर का जलस्तर ओटू हेड पर 44 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया है, जबकि इसकी डाउन स्ट्रीम में 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
पिछले 12 घंटों में पानी में 2 हजार क्यूसेक की बढ़ोतरी हो गई। हालांकि गुहला चीका में पानी कम होने के बाद भी सिरसा में पानी कम नहीं हो रहा। इसकी वजह है कि सिरसा में छोटे बांध जो टूटे थे, वह पानी खेतों से घूमकर फिर से नदी में आ रहा है।
शहर को बचाने के लिए बनाए जा रहे 2 बांध
सिरसा में गांव सिकंदरपुर से गांव फुलकां तक और गांव बाजेकां से गांव वैदवाला तक दोनों सड़कों पर तुरंत अस्थायी बांधों का निर्माण करवाए जाएगा। जिलाधीश ने आदेशों में स्पष्ट किया है कि भाखड़ा जल सेवा मंडल, सिरसा के अधीक्षण अभियंता द्वारा बताया गया है कि बाढ़ का पानी सिरसा शहर की ओर आने की संभावना है। क्योंकि हिमाचल प्रदेश, पंजाब व हरियाणा में अत्यधिक बारिश के कारण चैनल/नालियां टूट गई हैं।
इसलिए जिले में 2 जगहों पर, जिसमें एक गांव सिकंदरपुर से गांव फुलकां तक सड़क पर और दूसरा गांव बाजेकां से गांव वैदवाला तक सड़क पर हैं, इनके पास अस्थायी बांध बनाने की आवश्यकता है, ताकि बाढ़ के पानी के अनियंत्रित प्रसार को रोका जा सके। गांव सिकंदरपुर से गांव फुलकां तक की सड़क HSAMB तथा गांव बाजेकां से गांव वैदवाला तक की दूसरी सड़क PWD (बीएंडआर) की है।
चार गांवों के खेत और ढाणियां डूबी
सिरसा के घग्गर किनारे गांव बुर्जकर्मगढ़, पनिहारी, मुसााहिबवाला, फरवाई गांव की ढाणियां डूबी हुई है। इन गांवों के तीन ओर घग्गर का मुख्य बांध लगता है जबकि एक ओर सिरसा- सरदूलगढ़ हाइवे। सिरसा- सरदूलगढ़ रोड के नीचे से गुजरने वाली पुलिया के बंद होने के कारण इन गांवों से नहीं निकल पा रहा।
बुर्जकर्मगढ़ के रणजीत सिंह ने बताया कि जब इन सड़क का निर्माण किया गया था, तब प्रशासन ने ये आश्वासन दिया था कि जब भी पानी आएगा तो इन पुलिया को खोल दिया जाएगा और पानी क्रास करने से कोई आपदा नहीं आएगी। लेकिन अब सिरसा शहर को बचाने के बहाने के लिए राजनीतिक दबाव के चलते हमारे गांव डूबो दिए गए।