कैथल में सिरसा ब्रांच नहर में बाढ़ का पानी आने के बाद पब्लिक हेल्थ ने शहर में एक दिन छोड़ कर पानी देने की व्यवस्था लागू की है। इस कारण अब लोगों को पानी न मिलने पर परेशानी हो रही है। बता दें कि शहर में 70 प्रतिशत आबादी में नहरी पानी की सप्लाई होती है, लेकिन बाढ़ के बाद से यह पानी फिल्टर होकर नहीं आ रहा है। नहर में बाढ़ का पानी आने से लोग भी दूषित पानी पीने के लिए हैं।
कैथल शहर में पेयजल की किल्लत हो रही है। टैंक खाली होने के कगार पर हैं और नहरों में मिट्टी मिला पानी बह रहा है, जिसे टैंकों में नहीं डाला जा रहा। इसके चलते पेयजल आपूर्ति भी एक समय ही दी जा रही है। गंदा पानी सप्लाई होने से बीमारियां भी फैलने का डर बना है। इसी कड़ी में कई जगहों पर पानी के टैंकरों को मंगवाकर काम चलाया जा रहा है।
वार्ड पांच निवासी, सावित्री सुनीता और रवीना ने बताया कि पिछले पांच दिन से खुराना रोड वार्ड नंबर पांच में समस्या जारी है। यहां पर पानी का कोई ट्यूबवैल नहीं है। काफी परेशानी हो रही है। जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर में 37 एमएलडी पेयजल की सप्लाई प्रतिदिन दी जाती है। इससे लोगों की पानी संबंधित रोजाना की जरूरतों को आसानी से पूरा किया जाता है।
जन स्वास्थ्य विभाग ने चार महीने में 1474 पानी के सैंपल लिए। इसमें से 155 सैंपल फेल हुए हैं, जबकि 1319 सैंपल पास हुए। वहीं पेस्टीसाइड की जांच को लेकर एक भी सैंपल नहीं लिया। इन सैंपलों में फिजिकल और केमिकल सहित बैक्टीरिया की जांच की है।
जनस्वास्थ्य विभाग के जेई रविंद्र ने बताया कि वे शहर में पानी की सप्लाई को लेकर सतर्क हैं। बुधवार या गुरुवार तक इस समस्या का स्थायी रूप से समाधान हो जाएगा। यदि उन्हें जरूरत हो तो अधिकारियों से संपर्क करें।