चरखी दादरी। वर्ष सितबंर, 2016 में सीएम मनोहर लाल ने दादरी नई अनाज मंडी से दंगल गर्ल गीता और बबीता फौगाट के पैतृक गांव बलाली में वातानुकूलित कुश्ती हॉल बनवाने की घोषणा की थी। घोषणा को सात साल होने को है और इस समय अवधि में खेल विभाग ने कुश्ती हॉल तो तैयार करवा दिया, लेकिन अब तक यहां बिजली कनेक्शन नहीं हो पाया है। बिजली कनेक्शन के अभाव में एसी सुविधा तो दूर यहां पहलवानों को पंखे तक की सुविधा नहीं मिल पा रही।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से की गई घोषणा की जमीनी हकीकत जानने के लिए संवाददाता ने जिलास्तरीय पहला कुश्ती हॉल की पड़ताल की तो सामने आया कि भवन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। तीन एकड़ पर बनाए गए कुश्ती हॉल में अब तक विभाग बिजली कनेक्शन नहीं करवा पाया है। इसका कारण जमीनी नामकरण की प्रक्रिया पूरी न हो पाना है। हालांकि विभाग का दावा है कि जल्द ये औपचारिकता पूरी कर बिजली कनेक्शन समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं खिलाड़ियों को मुहैया करवा दी जाएंगी।
पड़ताल में सामने आया कि स्टेडियम में पानी का कनेक्शन भी नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं कुश्ती हॉल परिसर के समीप झाड़ियां खड़ी हैं और नियमित रख-रखाव की ओर भी अभी विभाग का ध्यान नहीं है। इसके अलावा कुश्ती हॉल में कुछ कार्य अधूरे भी पड़े हैं जिसके चलते खिलाड़ी अभ्यास से वंचित रह रहे हैं। ग्राम पंचायत व खेल विभाग के बीच लंबे समय से जमीन नाम कराने की प्रक्रिया चल रही है जो अभी तक पूरी नहीं हुई है।
गांव की 6 बेटियों ने कुश्ती चमकाया अंतरराष्ट्रीय पटल पर नाम
बलाली की 6 बेटियां कुश्ती के जरिये छोटे से गांव बलाली और चरखी दादरी जिले का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन कर चुकी हैं। इनमें दंगल गर्ल गीता फौगाट, बबीता फौगाट, गोल्डन गर्ल विनेश फौगाट, संगीता फौगाट, रितू फौगाट और नेहा सांगवान शामिल हैं। इन बेटियों ने ओलंपिक से लेकर एशियन गेम्स व अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व कर पदक हासिल किए हैं।
30 से 40 किलोमीटर दूर जाकर कर रहे अभ्यास
कुश्ती हॉल में सुविधाओं का अभाव होने के कारण बलाली समेत अन्य आसपास के गांवों के 30 पहलवान अभ्यास से वंचित हैं करीब 10 महिला और 20 पुरुष खिलाड़ी 30-40 किलोमीटर दूर जाकर निजी एकेडमी में मोटी फीस देकर अभ्यास करने के लिए मजबूर हैं।
यह कार्य पड़े हैं अधूरे, खिलाड़ी नहीं कर पाते अभ्यास
तीन एकड़ जमीन पर 1.77 करोड़ रुपये की लागत से बने एयर कंडीशन कुश्ती हॉल में पिछले सात सालों से बिजली कनेक्शन नहीं हो पाया है। इसके कारण एसी भी नहीं लगे। हॉल में न मेट है और न खेल के अन्य संसाधन। इतना ही नहीं जिम का सामान भी नहीं है। चारों ओर इंटरलॉकिंग टाइलें लगाने का काम भी अधर में लटका हुआ है। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी शुरू नहीं हो पाया है। इसके अलावा कोच की भी नियुक्ति नहीं हो पाई है और शीशों पर एल्युमिनियम की ग्रिल लगाने का काम भी बंद है। यहां ग्राउंडमैन और चौकीदार की तैनाती भी नहीं है।
जिला खेल विभाग की ओर से 11 जुलाई को ग्राम पंचायत को पत्र भेजकर भूमि नाम कराने या पट्टा पर देने के लिए पत्र लिखा गया है। ग्राम पंचायत ने 3 जुलाई 2019 को प्रस्ताव पास कर खेल विभाग को दिया था। गांव के पास लगती तीन एकड़ भूमि जल्द ही खेल विभाग के नाम होगी। भूमि नाम होते ही बिजली कनेक्शन करवा दिया जाएगा। इसके उपरांत अन्य कार्य भी शीघ्रता से पूरा कराए जाएंगे।