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प्रोटेम स्पीकर ने क्यों पुकारा अमृतपाल सिंह का नाम? जानिए सांसदों के शपथ का क्या है नियम

Why did the Protem Speaker call Amritpal Singh's name? Know what is the rule of oath of MPs

(गगन प्रीत)  नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में जीत दर्ज करने वाले सांसद लोकतंत्र के मंदिर में पहुंच चुके हैं. देश के कामकाज को लेकर अब संसद की कार्यवाही शुरू हो गई है. कामकाज से पहले सांसद लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेंगे. संसद में सोमवार की तरह मंगलवार को भी सांसदों के शपथ ग्रहण का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में आज उस सांसद का भी नाम पुकारा गया, जो अभी जेल में बंद है. जी हां, संसद सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रोटेम स्पीकर ने अमृतपाल सिंह का नाम पुकारा. अमृतपाल सिंह अभी जेल में बंद हैं. मगर नियम के मुताबिक, प्रोटेम स्पीकर ने शपथ दिलाने के लिए अमृतपाल सिंह को आवाज दी. जब उनकी मौजूदगी संसद में नहीं दिखी तो अगले सांसद का नाम पुकारा गया. अब सवाल उठता है कि जब अमृतपाल सिंह जेल में हैं, फिर प्रोटेम स्पीकर ने उनका नाम क्यों लिया?

दरअसल, संसद का सत्र जब सोमवार को शुरू हुआ, तब सबसे पहले पीएम मोदी ने शपथ ली. संसद सत्र में शुरुआती दो दिनों तक यानी आज और कल सांसदों को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाने का ही कार्यक्रम है. पहले दिन यानी सोमवार को करीब 280 सांसदों ने शपथ ली. बाकी बचे सांसद आज शपथ ले रहे हैं. अब सवाल उठता है कि क्या सांसदों के शपथ के भी नियम हैं? क्या कोई भी सांसद किसी भी वक्त शपथ ले सकता? क्या सत्ता पक्ष का सांसद पहले और विपक्ष का सासंद बाद में बाद शपथ लेगा? यहां बताना जरूरी है कि संसद में लोकसभा सांसदों के शपथ के भी अपने नियम हैं.

क्या हैं सांसदों के शपथ के नियम

नियमों के मुताबिक, जब संसद की कार्यवाही शुरू होती है तो सबसे पहले लोकसभा सदस्य के रूप में प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण होता है. प्रधानमंत्री के शपथ के बाद केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है. इसके बाद बारी आती है केंद्रीय राज्य मंत्रियों की. जब मंत्रियों का शपथ ग्रहण हो जाता है तब सांसदों का नंबर आता है. हालांकि, सांसदों के शपथ ग्रहण को लेकर अल्फाबेटिकल ऑर्डर नियमों का पालन किया जाता है. जी हां, लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाने के लिए नाम के आधार पर स्टेटवाइज शपथ दिलाई जाती है. इसको उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं.

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